E9 News लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच ‘गधों’ को लेकर हुई बहुचर्चित जुबानी जंग की आवाजें सूबे की फिजाओं में अभी तक गूंज रही हैं। हाल ही है में यूपी के समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आने वाले 20 अप्रैल को तीन स्थानों पर गधों के साथ धरना देने का ऐलान किया है। बता दें कि इन समाजसेवियों और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आने वाले 20 अप्रैल को समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में राजधानी लखनऊ में गधे के साथ तीन स्थानों पर धरना देकर एक अनोखे अंदाज में अपनी मांगें उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और सूबे के नए सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने रखने का ऐलान किया है। इस अनोखे धरने के बारे में बात करते हुए उर्वशी शर्मा ने बताया कि विगत चुनावों के दौरान देश के पीएम मोदी ने गधे की वफादारी की बहुत चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि गधा अपने मालिक का वफादार होता है। गधा कितना ही बीमार हो, भूखा हो, थका हो लेकिन अगर मालिक उससे काम लेता है तो सहन करता हुआ भी अपने मालिक का दिया काम पूरा करके रहता है। धरने का बैनर जारी करते हुए उर्वशी ने बताया कि ये धरना पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में नियुक्त किये गए वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त और सभी वर्तमान सूचना आयुक्तों के खिलाफ है। जिनमें कार्यों के प्रति वफादारी की कमी है। उन्होंने बताया कि आगामी 20 अप्रैल को लखनऊ में तीन स्थानों पर जिसमें गोमतीनगर स्थित उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ‘आरटीआई भवन’ के मुख्य गेट पर, जिलाधिकारी आवास के सामने और लक्ष्मण मेला मैदान में रवीन्द्र नाथ टैगोर की मूर्ति के सामने एक जीवित गधे के साथ धरने का आयोजन किया गया है।
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