E9 News, नई दिल्लीः इस साल जुलाई में रिक्त होने वाले राष्ट्रपति पद के लिए नए नामों को लेकर चर्चाएं जारी हैं लेकिन निर्णय चुनाव करीब आने पर ही होगा! इसमें सबसे सशक्त नाम दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी का है लेकिन विविध कारणों के चलते संभावना बेहद कमजोर है! ऐसा ही एक और नाम बाबा रामदेव का भी है लेकिन इन दोनों नामों पर चर्चा आगे नहीं बढऩे का कारण यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेहतर काम कर रहे हैं और उनके काम में दखलंदाजी शुरू हुई तो भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। एक सुझाव ऐसा भी है कि देश के किसी गैरराजनैतिक व्यक्तित्व को यह सम्मानजनक पद प्रदान किया जाए जैसा पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम के समय हुआ था. ऐसे सर्वमान्य नामों की चर्चा भी जारी है। इस चर्चा में सबसे बेहतर स्थिति में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, प्रमुख नेता मुरली मनोहर जोशी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के नाम हैं। सुषमा स्वराज इस वक्त खराब स्वास्थ्य के बावजूद बेहतर कार्य कर रहीं हैं, उनका महिला होना उन्हें इस पद के लिए सशक्त बना रहा है क्योंकि इससे भाजपा की महिला सम्मान नीति को बल मिल सकता है! मुरली मनोहर जोशी बचपन से ही संघ के स्वयंसेवक रहे हैं. वे भाजपा अध्यक्ष भी रहे तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की सरकारों में प्रमुख मंत्री भी रहे, लेकिन अडवाणी जैसा सवालिया निशान उन पर भी लग सकता है! कई बार की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का भी नाम चर्चाओं में हैं, यदि महिला राष्ट्रपति का निर्णय होता है तो सुमित्रा महाजन का नाम भी प्रमुखता से उभर सकता है!
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