E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो): पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अगले साल होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वाम को चुनौती देने के लिए रणनीति तैयार की है. रणनीति के तहत शाह 6 मई के राज्य दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. त्रिपुरा में बीजेपी का जनाधार बढ़ रहा है, इस बात का अंदाजा पार्टी की सदस्यता से लगाया जा सकता है. साल 2014 में यह 15,000 से बढ़कर इस साल 2 लाख से अधिक हो गया है. त्रिपुरा बीजेपी के प्रवक्ता मृणाल कांति देब ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि दो महीने में बीजेपी शासित राज्यों के 4 मुख्यमंत्री राज्य का दौरा करेंगे. राज्य के दौरा करने वाले मुख्यमंत्रियों में झारखंड के रघुवर दास, असम के सर्बानंद सोनोवाल, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ शामिल हैं. बीजेपी की रणनीति है कि त्रिपुरा चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों को भी शामिल किया जाएगा और उनकी जिम्मेदारी राज्य के लोगों को केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में शिक्षित करना और राज्य सरकार द्वारा उनके क्रियान्वयन में खामियां बताना होगा. त्रिपुरा में पिछले 24 सालों से वाम फ्रंट (लेफ्ट फ्रंट) का शासन रहा है. ऐसे में बीजेपी को यहां कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. बीजेपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर ईटी को बताया कि बीजेपी राज्य संगठन में सुधार करने की भी कोशिश में है. त्रिपुरा में सत्ता विरोधी लहर और अपनी स्वीकार्यता बढ़ती हुए देखकर बीजेपी इसे एक बेहतर अवसर मान रही है. हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनावों में बीजेपी कई स्थानों पर दूसरे स्थान पर रही थी.
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