E9 News, वाशिंगटनः श्रीनिवास कुचीभोतला की निर्मम हत्या को 48 घंटे भी नहीं गुजरे थे जब उनकी विधवा सुनयना दुमाला ने अमेरिकी मीडिया के सामने आने का फैसला किया। मीडिया से बात करते हुए उनकी आंखें भरभरा उठती थीं। लेकिन उनका संदेश स्पष्ट था, बेबाक था। उन्होंने कहा, “मुझे इस सरकार से जवाब चाहिए कि वो नफरत की बुनियाद पर हुई इस हिंसा को रोकने के लिए क्या करने जा रहे हैं।” उनका कहना था कि वो सिर्फ अपने पति के लिए नहीं बल्कि हर नस्ल के लोगों, एशियाई, अफ्रीकी, अमेरिकी, के लिए ये सवाल उठा रही हैं जिन्होंने अपने अपनों को इस तरह की हिंसा में खोया है।
अमेरिकी मीडिया और सोशल मीडिया में बहुत लोगों ने इस हमले को राष्ट्रपति ट्रंप के आप्रवासियों के खिलाफ दिए गए बयानों से प्रेरित बताया है लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इस सोच को हास्यास्पद करार दिया है। स्थानीय पुलिस ने अभी तक इसे नस्लवादी हमले की श्रेणी में नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि अखबारों में जब कहीं गोलीबारी की खबर छपती थी वो और उनके पति अक्सर बातें करते थे कि क्या अमेरिका में रहना सुरक्षित रह गया है।
उनके पति का जवाब होता कि अभी कुछ दिन और देखते हैं। सुनयना का कहना था, “मैं नहीं जानती हूं कि मैं उनकी मां को क्या जवाब दूंगी कि क्यों मैं उनके बेटे को नहीं बचा पाई।” श्रीनिवास कुचीवोतला अपने दोस्त आलोक मदासानी एक रेस्तरां में बैठे हुए थे जब एक गोरे अमरीकी ने उनपर गोली चलाई और अस्पताल में कुचीवोतला की मौत हो गई।
सुनयना का कहना था कि हमलावर ने बड़े गर्व से एक बार में जाकर कहा कि उसने दो मुसलमानों को गोली मार दी है। उनका कहना था, “उसने रंग के आधार पर कैसे ये फैसला किया? क्या रंग ये बताता है कि आदमी मुसलमान है, हिंदू है या इसाई? और जहां तक मैं अपने पति को जानती हूं वो भी ये चाहते कि इस मामले में इंसाफ हो।” उन्होंने कहा कि वो यहां कि सरकार से यही कहेंगी कि उन्हें जब चाहें यहां आने की आजादी हो जिससे वो अपने पति का जो कामयाब होने का सपना था उसे पूरा कर सकें।
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