November 15, 2024

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अयोध्या मुद्दे पर दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए: कांग्रेस

E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो): कांग्रेस ने कहा कि 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कानून का शासन कायम होना चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. साथ ही पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले में उनके मंत्रियों के आरोपी होने को लेकर नैतिकता की नसीहत दी. सुप्रीम कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित बीजेपी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप बहाल करने का आदेश दिया है. इस पर प्रारंभिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है. कानून को बिना किसी भय या पक्षपात के अपना काम करने देना चाहिए. न्याय होने दीजिए और दोषी को दंडित किया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दर्जा, जाति, पंथ, धर्म या क्षेत्र की परवाह किये बिना कानून का शासन सभी के लिए एक समान होता है.’’ फैसले पर सहमति जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने उम्मीद जतायी कि नैतिकता की बात करने वाले मोदी इस बार इसे नहीं भूलेंगे और उनके मंत्री नैतिकता के उच्च मानदंडों का पालन करेंगे.

कानून का वैभव कायम है और न्याय किया जाएगा- सिब्बल : सिब्बल ने कहा कि कम से कम 25 वर्षों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह दिखा दिया है कि कानून का वैभव कायम है और न्याय किया जाएगा. उन्होंने एक पुरानी फिल्म ‘20 साल बाद ’याद करते हुए कहा कि यह एक नई फिल्म 25 साल बाद की तरह है. उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि यह अगले दो साल में बदल जाएगा. प्रधानमंत्री को निशाने पर लेते हुए सिब्बल ने कहा, ‘‘जहां तक मुद्दे की बात है, हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नैतिकता को लेकर सदैव बहुत प्रतिबद्ध रहते हैं. यह उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी कहा है. कई बार वह तब नैतिकता की बात भूल जाते हैं जब उनके मंत्रियों की बात आती है. हमें उम्मीद करनी चाहिए कि वह इस बार नहीं भूलेंगे.’’

दो साल में निपटाया जाएगा मुकदमा : कांग्रेस नेता का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की पृष्ठभूमि में आया जिसमें आडवाणी, जोशी, उमा सहित बीजेपी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश बहाल करने के सीबीआई के अनुरोध को स्वीकृति दे दी है. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि इन नेताओं एवं कारसेवकों के खिलाफ दिन प्रति दिन सुनवाई होगी और मुकदमे को दो साल में पूरा कर लिया जाएगा.