E9 News, नैनीताल (ब्यूरो) नैनीताल हाई कोर्ट ने गुरूवार (27 अप्रैल) को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देहरादून के विकासनगर विधानसभा क्षेत्र की इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को सील करने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट की एकलपीठ के न्यायाधीश सर्वेश कुमार गुप्ता ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विकासनगर के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ईवीएम को सील करने के आदेश केंद्रीय निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए है। साथ ही विकासनगर विधानसभा क्षेत्र ईवीएम मशीनों को विकासनगर के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने सील कर न्यायालय को सूचित किया जाए। नैनीताल हाईकोर्ट ने इस बारे में भारत सरकार, उत्तराखंड के मुख्यसचिव विकासनगर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को भी इस बारे में नोटिस भेजा है। नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सर्वेश कुमार गुप्ता ने भारत सरकार, केंद्रीय निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड के मुख्यसचिव, देहरादून के जिला निर्वाचन अधिकारी, विकास नगर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी और विकास नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए विधायक मुन्ना सिंह चौहान को छह सप्ताह के भीतर न्यायालय में अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
विकासनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने नैनीताल हाईकोर्ट में न्यायाधीश सर्वेश कुमार गुप्ता की एकलपीठ में विकासनगर विधानसभा क्षेत्र में ईवएम मशीनों से छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए 24 मार्च को याचिका दायर की थी। याचिका में याचिकाकर्ता ने अपने विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम मशीनों को हैकिंग, टैम्परिंग और मैन्युप्लेशन करने का आरोप लगाते हुए ईवीएम मशीनों की जांच कराने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता विकासनगर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नवप्रभात के वकील बी.पी. नौटियाल ने नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पूरे देश और उत्तराखंड में ईवीएम मशीनों को सील करने का यह पहला मामला है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से दाखिल याचिका में ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ करने के साथ-साथ अदालत को विकासनगर विधानसभा क्षेत्र में फर्जी वोटरों के बारे में तर्कों के साथ यह भी बताया गया कि मुन्ना सिंह चौहान ने आठ हजार से ज्यादा मतदाताओं को दो-दो विधानसभा क्षेत्रों चकरौता और विकासनगर में मतदाता बनवाया और प्राप्त सूचना के अनुसार इन मतदाताओं ने 15 फरवरी को मतदान के समय दोनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान किया है, जिसकी पुष्टि मतदाता सूची संबंधित रिकार्ड से होगी। न्यायालय ने इस बिंदू को भी गंभीरता से लिया।
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