November 14, 2024

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एलपीयू में पुस्तक ‘होप’ का हुआ विमोचन

E9 News, जालंधर (रमेश गाबा) भारत के पूर्व कानून व न्याय मन्त्री, सांसद (राज्यसभा) तथा पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के जापान में विशेष-दूत रहे डॉ अश्वनी कुमार की द्वितीय पुस्तक ‘होप’ का आज लवली प्रोफैशनल यूनीवर्सिटी में विमोचन हुआ। इस अवसर पर डॉ कुमार ने भारत की महान् लोकतन्त्र प्रणाली संबंधित विभिन्न मुद्दों पर एल पी यू के विद्यार्थियों से गहन वार्तालाप भी किया। डॉ कुमार की दूसरी पुस्तक का पूरा नाम ‘होप इन ए चैलेन्जड डेमोक्रेसी-एन इंडियन नैरेटिव’ है। बहुमुखी व्यक्तित्व के स्वामी डॉ कुमार ने इस अवसर पर एल पी यू के विद्यार्थियों से अपने मन्त्री, सांसद, राज्यपाल, पुलिस अधिकारी, सी बी आई डायरैक्टर, राजनीतिज्ञ, वरिष्ठ एडवोकेट होने के नाते तथा 30 से अधिक देशों की यात्राओं, खेलों से प्रेम आदि के अपने अनुभव सांझे किए। एल पी यू कैम्पस में उनके पहुंचने पर चांसलर श्री अशोक मित्तल ने उनका भव्य स्वागत किया तथा उनके अनूठे व्यक्तित्व के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से बताया। उन्होंने भारत की महान् लोकतन्त्र प्रणाली की शक्तियों के बारे में भी विद्यार्थियों को सूचित किया।
पुस्तक विमोचन के बाद विद्यार्थियों से वार्तालाप करते हुए डॉ अश्वनी ने कहा- ‘‘यह मेरी तीव्र इच्छा थी कि मैं अपनी इस नई पुस्तक का एल पी यू कैंपस में एक बड़े और विभिन्नता के प्रतीक विद्यार्थी समुदाय में विमोचन करूं ताकि इसका संदेश न केवल देश अपितु विदेश के भी हर हिस्से में आसानी से पहुंच जाए। इस पुस्तक में मैंने लोकतन्त्र संबंधित विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर विस्तार से लिखा है।
हम सभी को मिलकर पर्यावरण, शोषण, गरीबी आदि संबंधित विभिन्न चुनौतियों का सामना करना है ताकि हमारा देश तरक्की करे। मैं चाहता हूं कि भारत की राजनीति स्वच्छ होनी चाहिए जिससे सभी को स्वच्छ प्रशासन, न्याय व विकास मिले। लोकतन्त्र को मज़बूती देने के लिए सही लीडरशिप होनी चाहिए और हर पार्टी में ऐसे लोग आगे आएं जो सही अर्थों में सेवा करने वाले लोग हों न कि झूठे वायदे और विश्वासघात करने वाले। वर्तमान में हमने बेशक आर्थिक तौर पर तरक्की कर ली है परन्तु समाजिक तौर पर शायद हम पिछड़ रहे हैं। मैं समझता हूं कि हमारा लोकतंत्र डोल रहा है और हम सबको इसे मिलकर संभालना है ताकि हम ऐसे लीडर आगे ला सके जो दूरदर्शी, सशक्त व मधुर स्वभाव वाले हों। इसलिए आप सबको राष्ट्र की सेवा में इन विचारों के साथ आगे आना चाहिए।’’ इस पुस्तक के बारे में देश व विदेश की अत्यन्त प्रभावशाली समीक्षा सामने आयी है। फ्रांस के पूर्व प्रधानमन्त्री, हाउस आॅफ लार्डस के मैंबर लार्ड कारन बिलीमोरिया, यूनीवर्सिटी आॅफ आॅक्सफोर्ड के प्रोफैसर आॅफ लीगल फिलॉसफी डॉ टीमोथी ने भी इस पुस्तक की भरपूर प्रशंसा की है।