E9 News, टोरेन्टोः ग्लोबल वार्मिंग का असर अब दुनिया की नदियों पर भी होने लगा है. मौसम में बदलाव की वजह से कनाडा की स्लिम्स नदी सिर्फ चार दिन में ही ‘गायब’ हो गई जिसे शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन की चरम सीमा कहा है. स्लिम्स नदी की खोज बेरिंग सागर से दूर एक दूसरे वाटरशेड में हुई जो प्रशांत महासागर में जाकर मिलती थी, लेकिन अब ये नदी गायब हो गई है. वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गेरार्ड रो ने बताया कि स्लिम्स नदी का पानी केवल चार दिन में ही सूख गया. खबर के मुताबिक, ज्यादा गर्मी की वजह से ग्लेशियर पर बर्फ तेजी से पिघलने लगी और इस कारण पानी का बहाव काफी तेज हो गया. पानी के तेज बहाव ने लंबे समय से बह रही स्लिम्स नदी के रास्तों से दूर अपना अलग रास्ता बना लिया. अब नई नदी स्लिम्स के विपरीत दिशा में अलास्का की खाड़ी की ओर बहती है.
आधुनिक इतिहास में पहली बार वैज्ञानिकों ने देखा है कि सिर्फ चंद दिनों में एक पूरी नदी गायब हो गई है. नदी की चोरी की कहानी आपने सुनी होगी, जहां एक नदी के प्रवाह पर दूसरे द्वारा कब्जा कर लिया जाता है. लेकिन ऐतिहासिक साक्ष्य यह बताते हैं कि इस प्रक्रिया के लिए आमतौर पर हजारों साल लगते हैं, पर इस मामले में कनाडा के कास्कवुल्श ग्लेशियर से निकली स्लिम्स नदी केवल चार दिनों में सूख गई. शोधकर्ताओं का कहना है कि भू-वैज्ञानिक इसका कारण जलवायु परिवर्तन मान रहे हैं. वाशिंगटन विश्वविद्यालय के कैनेडियन जियोमोर्फोलॉजिस्ट डैनियल शुगर के नेतृत्व में शोधकर्ता का एक दल स्लिम्स नदी की जांच करने पहुंचा था, लेकिन उन्हें यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि वहां अब कोई नदी थी ही नहीं. नदी का पानी गायब हो गया था.
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