E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो) बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के एक विश्लेषक ने आज यहां एक परिपत्र में कहा, वर्ष 2019 के चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी राजकोषीय और ब्याज दर का जोखिम खड़ा करने वाली है ,कंपनी का अनुमान है कि यह माफी जीडीपी केकरीब दो प्रतिशत के बराबर बैठेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार की कर्ज माफी पांच अरब डॉलर अथवा प्रदेश के जीडीपीके 0.4 प्रतिशत के बराबर बैठती है जो अन्य राज्यों को भी ऐसे लोकप्रिय उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
किसानों को सबसे बड़ी कर्ज माफ़ीv : उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों को 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज माफ कर उन्हें बड़ी राहत दी है। इससे महाराष्ट्र, पंजाब कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी कर्ज माफ करने की मांग तेज होगी। खासकर चुनाव को देखते हुए कर्नाटक और गुजरात में किसानों का आंदोलन तेज हो सकता है।
यूपीए ने दी थी राहत : -केंद्र की यूपीए सरकार ने 2008 में देश भर के लघु और सीमांत किसानों का करीब 60 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया था। इसके तहत 75 फीसदी कर्ज चुकाने वाले एक करोड़ अन्य किसानों को भी 25 फीसदी कर माफी का लाभ भी दिया गया।
-1 से 2 हेक्टेयर जोत वाले किसानों को फायदा दिया गया।
पंजाब महाराष्ट्र में मांग : -पंजाब में किसानों का ऋण करीब 69 हजार 355 करोड़ रुपये है। कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था।
-महाराष्ट्र में शिवसेना और अन्य दल किसानों का करीब 30 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ रने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
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