E9 News, हरियाणा (ब्यूरो) हरियाणा के रहने वाले पहलू खान की कथित गौरक्षकों द्वारा की गयी पिटाई के दो दिन बाद अस्पताल में मौत हो गयी थी। एक अप्रैल को कथित गौरक्षकों ने उन पर हमला किया था। पहलू खान के परिजनों ने कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो आत्मदाह कर लेंगे। आत्मदाह की धमकी पर जोर देते हुए पहलू खान के भतीजे अब्दुल कयूम ने सोमवार (17 अप्रैल) को कहा, “वारदात के बाद दो हफ्ते से ज्यादा हो गये लेकिन मुख्य अभियुक्त अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। ” कयूम और उनके छह अन्य रिश्तेदार सोमवार को नागरिक अधिकार संगठन पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) के नेतृत्व में होने वाले मानवाधिकार संगठनों के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने आये थे। कयूम ने कहा, “हम मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी मिलना चाहते थे लेकिन हमें नहीं पता था कि वो ओडिशा में हैं। हमें जब तक न्याय नहीं मिल जाता हम जयपुर आते रहेंगे।”
एक अप्रैल को 55 वर्षीय पहलू खान अपने बेटों इरशाद और आरिफ एवं दो अन्य लोगों अजमत और रफीक के साथ जयपुर पशु मेले से गाय खरीद कर ला रहे थे। अलवर के बहरोर में राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर कथित गौरक्षकों ने उन सबको रोक लिया और उन पर हमला कर दिया। पहलू के चाचा हुसैन कहते हैं, “अगर उन्हें जयपुर या गुड़गांव के किसी अस्पताल में भर्ती कराया गया होता तो वो बच जाते।” हुसैन कहते हैं, “घटना के बाद पूरा समुदाय डरा हुआ है।” पहलू के बेटे इरशाद और आरिफ के घाव अभी तक नहीं भरे हैं इसलिए वो विरोध प्रदर्शन में नहीं आ सके। प्रदर्शनकारियों में पीयूसीएल, एडवा, मजदूर किसान शक्ति संगठन, स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन, वेलफेयर पार्टी इत्यादि संगठन शामिल थे। प्रदर्शनकारी गृह राज्य मंत्री गुलाम चंद कठारिया से इस्तीफा मांग रहे थे। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पशु खरीद के लिए सरकार “वन विंडो” व्यवस्था बनाए। संगठन 19 अप्रैल को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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