E9 News, वॉशिंगटनः ट्रंप प्रशासन ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हाईप्रोफाइल अटॉर्नी प्रीत भरारा समेत उन 46 अधिवक्ताओं (अटॉर्नीज़) के इस्तीफे मांगे हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन के समय में की गई थी। अटॉर्नी जनरल (महाधिवक्ता) जेफ सेशन्स ने पिछले राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान नियुक्त किए गए अटॉर्नीज का इस्तीफा मांगा है। न्याय मंत्रालय की प्रवक्ता सारा इस्गर फ्लोर्स ने कल कहा कि अमेरिका में कुल मिलाकर 93 अधिवक्ता हैं। इनमें से कई तो पहले ही अपने पद छोड़ चुके हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन के शुरूआती हफ्तों में पद पर बने रहे 46 अधिवक्ताओं से एक समरूप सत्तांतरण सुनिश्चित करने के क्रम में इस्तीफा देने को कहा गया है।
फ्लोर्स ने एक बयान में कहा कि जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन प्रशासन ने भी अपने कार्यकाल की शुरूआत में ऐसे ही अनुरोध किए थे। जिन लोगों से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है, उनमें सदर्न डिस्टि्रक्ट ऑफ न्यूयार्क के अटॉर्नी जनरल और भारतीय मूल के अमेरिकी प्रीत भरारा शामिल हैं। उनकी नियुक्ति पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने वर्ष 2009 में की थी। भरारा ने नवंबर में ट्रंप की चुनावी जीत के बाद उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि ट्रंप ने भरारा को उनके पद पर बने रहने को कहा है। भरारा से जुड़े सवालों का जवाब न तो व्हाइट हाउस ने दिया और न ही न्याय मंत्रालय ने। भारतीय मूल के 48 वर्षीय अमेरिकी भरारा ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों और जांचों के जरिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। इनमें विदेशों से जुड़े मामलों, भेदिया कारोबार और अमेरिकी नेताओं की संलिप्तता वाले मामले शामिल हैं। न्यूयार्क के सीनेटर चाल्र्स शूमर ने कहा कि वह अमेरिकी अधिवक्ताओं से, खासतौर पर भरारा से, इस्तीफे के लिए किए गए अनुरोधों की खबरों को सुनकर व्यथित हैं।
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