E9 News, गुना: मध्यप्रदेश के गुना में पंचायत के तुगलकी फरमान के चलते एक पांच साल की मासूम की जिंदगी दांव पर लग गयी थी. पर उसकी मां ने अपनी सूझबूझ से अपनी बेटी का जीवन बर्बाद होने से बचा लिया. जब पंचायत के फैसले पर अमल करने के लिए उस पर दबाव डाला गया, तब उसने पुलिस और चाइल्डलाइन से मदद की गुहार लगाई. पंचायत ने अक्षय तृतीया पर यानि आज के शादी करने का दिन मुकर्रर किया था. पंचायत ने शुक्रवार को लड़की के पिता को गंगा में डुबकी लगाने का फरमान सुनाया, इसके बाद पूरे समाज को बकरे की दावत देने की बात भी कही थी. नाबालिग की मां ने अपनी बेटी की शादी का विरोध किया और पंचायत के फैसले के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत की. जिसके बाद पुलिस और चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने वहां पहुंचकर पांच साल की मासूम को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल ले गए. फिर वहां से उसे चाइल्ड लाइन की देख-रेख में रखा जाएगा. फिर उसे दो-तीन दिन बाद परिजनों के पास भेजा जाएगा. वहीं पुलिस ने उस लड़के और उसके पिता को भी बुलाया है. जिसकी शादी उस लड़की के साथ होनी थी. हालांकि पंचायत के इस तरह के तुगलकी फरमान सुनाना कोई नई बात नहीं है. खासकर आदिवासी या पिछड़े क्षेत्रों में इन पंचायतों की तूती बोलती है. वहीं हरियाणा जैसे राज्य में खाप का खौफ भी कम नहीं है. ये मामला गुना जिले के तारापुर गांव की है, जहां पंचायत ने एक व्यक्ति को सजा सुनाते हुए उसकी 5 साल की बच्ची की शादी 8 साल के लड़के से कराने का फरमान सुनाया था. सबके सामने यह फरमान सुनते ही बच्ची के माता-पिता घबरा गए थे. उन्होंने पंचायत से कहा ऐसी सजा न दी जाए, लेकिन पंचायत में कोई भी उनके साथ नहीं खड़ा हुआ. ये फैसला करीब दो हफ्ते पहले पंचायत ने सुनाया था.
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