November 14, 2024

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देश में आतंकियों की मौजूदगी घातक

E9 News, लखनऊ (ब्यूरो) :उत्तरप्रदेश के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड एटीएस ने गुरुवार को पांच राज्यों की पुलिस के सहारे मुंबई, लुधियाना और बिजनौर से छह आतंकियों को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने जो खुलासा किया है, उसके मुताबिक इन संदिग्ध आतंकियों के कार्य का दायरा व्यापक होने और उनके देश और विदेश से रिश्ते होने की ओर संकेत कर रहा है। इनमें एक संदेह आईएसआईएस की ओर भी है। भारत में आईएसआईएस के होने के सबूत तो तभी मिल गए थे, जब फरवरी में मध्यप्रदेश में पाक को गोपनीय सैन्य जानकारी मुहैया कराने के आरोप में एक साथ 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मध्यप्रदेश एटीएस जिसने इनको गिरफ्तार किया था, उसके अनुसार ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में इन्होंने नकली टेलीफोन एक्सचेंजों को काम के लिए इस्तेमाल किया। ये लोग इंटरनेट कॉल को सेल्युलर कॉल में परिवर्तित कर देते थे। इस घटना के एक माह बाद ही कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम विस्फोट के बाद भी आईएसआईएस की मौजूदगी महसूस की गई थी। बम विस्फोट के बाद लखनऊ तक की मुठभेड़ में जो कुछ हुआ था और जितनी जानकारियां बाहर आईं, वह भारत के हर विवेकशील व्यक्ति को भयभीत करने के लिए पर्याप्त थीं। इस घटना के पहले तक भारत में आईएसआईएस को लेकर की जा रही कल्पना साकार हो चुकी थी। भारत आश्वस्त था कि हम आईएसआईएस के निशाने पर इसलिए नहीं आएंगे, क्योंकि इस देश में रहने वाले विभिन्न सामाजिक तबके देश के साथ इतना बड़ा विश्वासघात नहीं करेंगे। मगर एयरपोर्ट पर विमान अपहरण करने की चुनौती के बाद जिस तरह छह आतंकियों को पकड़ा गया, वह लखनऊ कांड की ही कड़ी का हिस्सा है। बता दें कि उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट के बाद लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह को एटीएस ने मार गिराया था, जिसके संबंध आईएसआईएस से थे। अब जबकि भारत में आतंकी खतरा बढ़ता जा रहा है, तो हमें और भी सतर्कता से काम लेना होगा। आतंक का कोई धर्म नहीं होता, यह न मजहब देखते हैं और न ही देश। इनके निशाने पर भारत है, तो यह मानकर दूसरे देशों को भी आराम से नहीं बैठ जाना चाहिए। बानगी देखिए, आज ही पेरिस में आईएस के आतंकियों ने हमला बोल दिया। इस हमले में बड़ी क्षति नहीं हुई, लेकिन आतंकवादी यह संदेश देने में तो सफल हो गए कि उनके निशाने पर हर देश है। हमारे देश की सुरक्षा पर अनेक खतरे हैं, जिनका पता सुरक्षा एजेंसियों को है। उसमें पाक की खुफिया एजेंसी की एक बड़ी चुनौती है। उसके द्वारा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती, उनकी योजना आदि की जानकारी लेकर वे आतंकवादी संगठनों को पहुंचाते हैं और उसके अनुसार आतंकवादी हमले की कोशिश होती है। कई बार वे इसमें सफल हो जाते हैं, तो कई बार नहीं। ऐसे देश की निगरानी कितनी चौकस होनी चाहिए, यह बताने की जरूरत नहीं है। कुल मिलाकर, भारत के लिए खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पहले मध्यप्रदेश से ही ऐसे 11 आतंकियों को पकड़ा जाना, जो बेहद व्यवस्थित ढंग से पाक को सूचनाएं मुहैया करा रहे थे और फिर उज्जैन ट्रेन में हुए धमाके के आरोपियों की धरपकड़ और उनका आईएस से जुड़ाव यह साबित करता है कि देश के युवा बहुत तेजी से आतंकवाद से प्रभावित हो रहे हैं। यह समय देश के लिए सतर्क रहने वाला है। मुंब्रा (महाराष्ट्र), जालंधर (पंजाब), नरकटियागंज (बिहार), बिजनौर और मुजफ्फरनगर (यूपी) में से संदिग्धों का पकड़ा जाना यह साबित करता है कि अब तो पूरे देश में आतंक की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। अगर अब भी आईएसआईएस के मंसूबों को ध्वस्त करने की तरफ काम नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में खतरा और भी बढ़ेगा। यदि हम हमलों से देश को सुरक्षित बनाना चाहते हैं, तो अभी शुरुआत करनी होगी।