E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो) आने वाले दिनों में खेती से होने वाली कमाई पर भी आपको इनकम टैक्स देना पड़ सकता है. अब तक खेती से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। दरअसल देश में विकास और अर्थव्यस्था को तेज रफ्तार देने के लिए नीति आयोग इन दिनों तरह-तरह की कवायद कर रही है। नीति आयोग खेती से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स के दायरे में लाने के पक्ष में है। नीति आयोग के सदस्य विवेक देबराय ने कहा की मौजूदा आयकर की थ्रेशहोल्ड लिमिट के मुताबिक कृषि से होने वाली आय को आयकर के दायरे में लाना चाहिए. इसके लिए 3 साल के आय के औसत के आधार पर फैसला लिया जा सकता है।
आयोग की ये राय ऐसे समय में आयी है जब कई अर्थशास्त्री भी एक निश्चचित सीमा से ज्यादा कमाई करने वाले किसानों को आय़कर के दायरे में लाने की बात कर रह हैं। कुछ समय पहले काले धन के खिलाफ मुहिम में भी चिंता जतायी गयी थी कि खेती बाड़ी के नाम पर मोटी कमाई दिखाकर कुछ लोग आयकर से छूट पा जाते हैं और इस व्यवस्था को बदलने की जरुरत है। हालांकि पिछली कई सरकारों के दौरान कृषि आय़ को आयकर के दायरे में लाने की बात कही जाती रही है, लेकिन जब कभी भी इस तरह का प्रस्ताव आया, राजनीतिक तौर पर बेहद संवेदनशील मानते हुए उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। फिलहाल, नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय का कहना है कि आयकर का दायरा बढ़ाने का एक रास्ता छूट को खत्म करना है, वही दूसरा विकल्प ग्रामीण क्षेत्र को आयकर के दायरे में लाने और खास तौर पर निश्चित सीमा से ज्यादा खेती बाड़ी से हुई कमाई पर आयकर लगाना हो सकता है। देबरॉय आगे कहते हैं कि ये सीमा शहरी क्षेत्र के बराबर हो सकती है, लेकिन इसके लिए तीन साल या पांच साल के औसत को आधार बनाया जा सकता है। ध्यान रहे कि मौजूदा व्यवस्था के तहत 60 वर्ष से कम उम्र के पुरुष और महिलाओं के लिए 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर आयकर नहीं लगता।
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