E9 News,लाहौर: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स लीक मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के सदस्यों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल (JIT) के गठन का आज आदेश दिया। कोर्ट का यह निर्देश हालांकि सर्वसम्मत नहीं था। और उनकी कथित भूमिका की संयुक्त जांच कराए जाने के निर्देश दिए 67-वर्षीय नवाज़ शरीफ ने इस घोटाले में किसी भी भूमिका से मना किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट उनके परिवार की विदेशों में स्थित उस संपत्ति की जांच करने पर सहमत हो गई है, न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा, गुलजार अहमद, एजाज अफजल खान, अजमत सईद और इजाजुल अहसन की पीठ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), जमात-ए-इस्लामी (JI), वतन पार्टी और ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग की दलीलों पर विचार किया। इन संगठनों और राजनीतिक दलों ने कोर्ट के बाहर भी इस मामले को भट्राचार के खिलाफ एक अभियान की तरह चला रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की संयुक्त जांच दल से जांच कराने का निर्देश दिया, जो 60 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस टीम में सैन्य खुफिया विभाग सहित विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी शामिल रहेंगे। गौरतलब है कि नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी PML-N सुप्रीम कोर्ट में पनामागेट को लेकर विपरीत फैसला आने की स्थिति में समयपूर्व चुनाव कराने के विकल्प पर भी विचार कर रही थी। पनामागेट का मामला सीधे तौर पर PM नवाज शरीफ और उनके बेटे और बेटी से जुड़ा हुआ है। PML-N के नेतृत्व ने बुधवार को बैठक की थी, जिसमें पनामागेट के फैसले के मद्देनजर रणनीति पर वार्तालाप हुई। पार्टी के एक नेता ने कहा, कि विपरीत फैसला आने की स्थिति को लेकर पार्टी में दो विचार हैं। एक विचार यह है कि समयपूर्व चुनाव कराया जाए, ताकि पीएमएल-एन को उस समय के हालात का लाभ मिल सके। हालांकि पार्टी का दूसरा धड़ा मान रहा था कि पार्टी को कार्यकाल पूरा करने के बाद ही चुनाव कराना चाहिए।
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