E9 News, फर्रुखाबादः सजायाफ्ता कैदी की अस्पताल से छुट्टी कर देने से उखड़े कैदियों ने फतेहगढ़ जेल में रविवार को जमकर बवाल किया। सुबह करीब आठ बजे से उपद्रव कर रहे बंदियों ने जेल अस्पताल के स्टोर में रखे अभिलेखों में आग लगा दी। एक बंदी रक्षक को बंधक बना लिया और छत पर चढ़कर पथराव किया। पथराव में प्रभारी जिलाधिकारी (सीडीओ) व जेल अधीक्षक समेत चार लोग घायल हुए हैं। मामले में जेलर डीपी सिंह को निलंबित कर छह बंदी रक्षकों को भी स्थानांतरित कर दिया गया है। जेल डॉक्टर नीरज को भी हटा दिया गया है। जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु ने बंदियों की ओर से जेल प्रशासन पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। बवाल की सूचना पर वह अपनी छुट्टी निरस्त कर मौके पर पहुंचे थे। डीआईजी जेल आरपी सिंह ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि सारा बवाल हत्या-दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी अतुल को लेकर हुआ था। राजेपुर थाने के सबलपुर गांव निवासी अतुल को बीमार होने पर जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल से छुट्टी मिलनेे के बाद भी वहीं जमा रहा तो सुबह बंदी रक्षक संतोष उसे बुलाने गया। उसने बंदी रक्षक को लाठी मारकर घायल कर दिया। फिर उसने जेलर और डॉक्टर से नोकझोंक की। इसी के बाद बंदी एकजुट हो गए।
बदियों ने कैदी का ठीक से इलाज न कराए जाने का आरोप मढ़ा और अस्पताल में रखी आलमारी, टीवी, सीसीटीवी कैमरे व अन्य वस्तुओं को तोड़ना शुरू कर दिया। स्टोर में रखे अभिलेखों में आग लगा दी। इसी दौरान बंदी रक्षक संतोष कुमार को मारपीट कर बंधक बना लिया। अधीक्षक व जेलर के कार्यालय की छत पर चढ़े बंदियों ने वहां दीवार की ईंटें उखाड़कर बंदी रक्षकों पर फेंकनी शुरू कर दीं। जेलर के कार्यालय में भी घुसकर कुर्सी, मेज, अलमारी तोड़ी और कुछ कागजों में आग लगा दी। यह सब कुछ डीआईजी जेल के पहुंचनेे तक चलता रहा। दोपहर बाद करीब तीन बजे तक डीआईजी जेल और डीएम के आने के बाद ही बंदी शांत हुए।
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