E9 News भोपाल; बीजेपी ने बांधवगढ़ सीट भारी अंतर से जीत जरूर ली है, लेकिन शिवराज सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। शहडोल संसदीय उपचुनाव में अपने मंत्री ज्ञान सिंह को चुनाव लड़ाकर बांधवगढ़ सीट खाली होने पर शिवराज सिंह ने पुनः चुनाव तो जीत लिया, लेकिन मंत्री ज्ञान सिंह की जिद उनके लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। एक तरफ सांसद बनने के बाद भी ज्ञान सिंह मंत्री बने बैठे हैं। बेटे को विधायक बनाने की जिद पूरी होने के बाद भी इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं हैं। अब उन्होंने नई शर्त शिवराज के सामने रख दी है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो उन्होंने कहा है कि अब उनके बेटे को मंत्री पद से नवाजा जाए, तब ही वो इस्तीफा देंगे। हालांकि बीजेपी उनकी नई शर्त को लेकर मुंह खोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इस नई परेशानी का हल ढूंढ़ने में बीजेपी को पसीना आ रहा है। क्योंकि कई विधायक ऐसे हैं, जो कई बार चुनाव जीतने के बाद भी मंत्री नहीं बन पाए हैं और शिव नारायण सिंह के पहली बार चुनाव जीतने पर उनके पिता ने मंत्री बनाने की जिद पकड़ ली है। अपनी लाज बचाने के लिए शहडोल लोकसभा उपचुनाव में शिवराज सरकार ने अपनी ही सरकार के मंत्री ज्ञान सिंह को उनकी इच्छा के विरुद्ध चुनाव तो लड़ा दिया और कड़ी टक्कर के बाद मामूली वोटों से जीत तो हासिल कर ली, लेकिन शुरूआत से ही ज्ञान सिंह की शर्तें सरकार के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं। पहले तो उन्होंने शर्त रखी कि वो मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे और विधायक पद से इस्तीफा देकर सांसद की शपथ लेने के बाद भी मंत्री बने हुए हैं। फिर अपने इस्तीफे के बाद खाली हुई बांधवगढ़ सीट पर अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की शर्त रख दी और वो भी शर्त पूरी हुई और उनका बेटा चुनाव जीत भी गया, अब वो अपने इस्तीफे को लेकर अपने बेटे को मंत्री बनाए जाने की जिद कर रहे हैं। हालांकि शहडोल का चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने सांसद पद की शपथ लेने के लिए 4 दिसंबर को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। मगर ज्ञान सिंह ने अभी तक शिवराज मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया है। हालांकि, ज्ञानसिंह सिर्फ नाम के मंत्री रह गए हैं और विधानसभा सत्र के दौरान जहां उनके विभागों के सवालों का जवाब सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य देते हैं, तो उनके प्रभार वाले जिला डिंडौरी का कामकाज वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार देख रहे हैं। विधायक रहे बिना मंत्री पद पर बने रहने का 6 माह का प्रावधान है, लेकिन उनके मंत्री पद पर बने रहने को लेकर कांग्रेस शिकायत भी दर्ज करा चुकी है। अब उनकी नई शर्त पार्टी के लिए परेशानी बन गयी है। बीजेपी नेता ज्ञान सिंह के जल्द इस्तीफे की बात तो कर रहे हैं, लेकिन उनके बेटे को मंत्री बनाए जाने की शर्त पर अनभिज्ञता जता रहे हैं।
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