November 15, 2024

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बेरोजगारी भत्ता योजना: सरकार आउटसोर्स करेगी डाटा एंट्री ऑपरेटर, हो जाइए तैयार!

E9 News, शिमला (कीर्ति कौशल) हिमाचल सरकार ने चुनावी साल में बेरोजगार युवाओं को लुभाने के लिए बेरोजगारी भत्ता योजना का ऐलान किया था। बजट में घोषित की गई बेरोजगारी भत्ता योजना को धरातल पर लाने के लिए राज्य सरकार आउटसोर्स आधार पर 140 डाटा एंट्री ऑपरेटरों की भर्ती करेगी। सोमवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में इसका फैसला लिया गया।
कैबिनेट ने फैसला लिया कि आउटसोर्स आधार पर जरूरत के मुताबिक डाटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती किए जा सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने अनुबंध आधार पर जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट (आईटी) के 20 पद भरने को भी मंजूरी दी है। यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। इस भत्ते के लिए पात्रता के लिए युवा बेरोजगार होना चाहिए और साथ ही राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी बोर्ड अथवा यूनिवर्सिटी से बारहवीं पास होना चाहिए। शर्त ये भी है कि बेरोजगार युवा आवेदन की तिथि के एक वर्ष पहले से किसी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत होना चाहिए। बेरोजगारी भत्ते के लिए पात्र होने के लिए अन्य शर्तों में आवेदन की तिथि से पूर्व वित्तीय वर्षों में पति व पत्नी सहित सभी स्रोतों से वार्षिक वित्तीय आय दो लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इसके लिए आयुसीमा 20 वर्ष से अधिक व 35 वर्ष से कम रखी गई है।
इसके अलावा बैठक में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी प्रदान की गई। इस योजना में लागत के 10 प्रतिशत हिस्से के योगदान के लिए भारत सरकार को राज्य सरकार की सहमति देने का भी निर्णय लिया गया। योजना के तहत 15 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा तथा उनकी प्लेसमेंट सुनिश्चित की जाएगी। तीन साल की अवधि की 300 करोड़ रुपये की इस योजना का मकसद साधनहीन ग्रामीण युवाओं की आय में विविधता लाना है। इस योजना के लाभार्थियों में बीपीएल परिवारों तथा वे युवा शामिल होंगे, जिन्हें मनरेगा में 35 दिनों का नियमित रोजगार प्रदान किया गया हो। प्रदेश सरकार को अभी तक केंद्र से 150 करोड़ रुपये मिले है। इसके अलावा इस योजना में अनुबंध के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के 61 पदों को सृजित किया जाएगा।