E9 News लखनऊ: खालसा पंथ के स्थापना दिवस बैसाखी के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी स्थित याहियागंज गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका। इस दौरान उन्होंने सिख धर्म में गुरु-शिष्य परंपरा पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सिख समाज ने जाति-पात के बंधनों से मुक्ति के द्वार खोले हैं। सिद्ध गुरुओं की इस महान परंपरा का हम सबको सम्मान करना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने सिखों के 10 गुरुओं को साष्टांग प्रणाम करते हुए कहा कि गुरुओं ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। उन्होंने गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की विशेष रूप से चर्चा करते हुए उन्हें महान बलिदानी बताया। योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने देश के लिए अपने बेटों का भी बलिदान कर दिया था। ये हमें महान त्याग की सीख देता है। उन्होंने कहा कि त्याग और बलिदान की भावना ही देश को आगे ले जाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैसाखी का त्यौहार हमारी गौरवशाली परम्परा एवं समृद्ध विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नई फसल के कटने से जुड़ा यह त्यौहार हमारे देश की समृद्ध कृषक परंपराओं और मिली-जुली संस्कृति का भी परिचारक है। इस दिन दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह दिन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े उत्साह से अलग-अलग त्यौहारों के रूप मे मनाया जाता है। योगी ने कहा है कि ये सभी त्यौहार नववर्ष के आगमन के प्रतीक हैं।
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