November 15, 2024

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यूपी में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, आज शाम संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा फैसला

E9 News, नई दिल्ली: यूपी में राम लहर से बड़ी पीएम मोदी की लहर साबित हुई। बीजेपी को भारी बहुमत मिला। बीजेपी में जीत का जश्न जारी है इस बीच बड़ा सवाल ये है कि यूपी का मुख्यमंत्री कौन बनेगा। आज शाम 6 बजे बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग सकती है।
राजनाथ सिंहः सबसे पहला नाम है राजनाथ सिंह का। राजनाथ केंद्र सरकार में गृहमंत्री हैं। सीएम की कुर्सी के लिए सबसे मज़बूत दावेदार माने जा रहे हैं। उनके पास अनुभव है और वो यूपी के हैं। साल 2002 तक सीएम का पद भी संभाल चुके हैं। बता दें यूपी में बीजेपी की जीत के लिए उन्होंने अहम जिम्मेदारी निभाई। सबसे ज्यादा करीब सवा 100 रैलियां की।
मनोज सिन्हाः दूसरा नाम आता है मनोज सिन्हा का। मनोज सिन्हा भी सीएम की रेस में हैं। इसकी मुख्य वजह ये है कि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के काफी करीबी हैं, और काफी भरोसेमंद भी हैं। इन्हें सीएम बनाया जा सकता है। मनोज सिन्हा आईआईटी-बीएचयू के छात्र रहे हैं। फिलहाल, मोदी सरकार में दूरसंचार और रेल राज्यमंत्री हैं। जाति के हिसाब से देखें तो भूमिहार जाति के मनोज सिन्हा यूपी की प्रभावी जाति में नहीं गिने जाते हैं, इसलिए उनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है।
योगी आदित्यनाथः योगी आदित्यनाथ का नाम सभी की जुबान है। इनके नाम के लिए कयास काफी दिनों से लगाया जा रहा है। जनता और मीडिया भी तूल दे चुकी है। कई साक्षात्कार में योगी से सीएम बनने पर सवाल भी किये गए, जिसपर उन्होंने इनकार नहीं किया जबकि खुद को योग्य उम्मीदवार बताया। सीएम पद की रेस में उनका भी नाम आगे माना जा रहा है, वो हिंदुत्व का मुखर चेहरा माने जाते हैं। गोरखपुर से सांसद हैं। फायर ब्रांड छवि होने की वजह से पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक उनकी जबरदस्त पकड़ है, हालांकि प्रशासनिक अनुभव और बहुत ज्यादा कट्टर हिंदुत्व चेहरा होने की वजह से उनका नाम कट भी सकता है।
केशव प्रसाद मौर्यः बीजेपी के यूपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने भी जीत में बड़ी भूमिका निभाई है। काफी दिनों से मेहनत कर रहे केशव प्रसाद मौर्य ने जमीन तैयार की है। गैर यादव पिछड़ी जातियों को पार्टी के साथ खड़ा करने के लिए काम किया है। केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से बीजेपी सांसद हैं। केंद्रीय नेतृत्व उन्हें पसंद करता है, हालांकि उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उनके अतीत में लगे कुछ दाग उन्हें सीएम पद से दूर कर सकते हैं।