E9 News लखनऊ: यूपी में अब 27 साल बाद सरकारी कर्मचारी व अफसर बेहाल होने लगे हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जहां 8 घंटे तक मैराथन बैठक कर कार्यों की समीक्षा व उसका लेख-जोखा तैयार कर रहे हैं। वहीं अफसर व कर्मचारी भी समय से पहले अपने कार्यालय पहुंचना शुरू कर दिए हैं। रोज का काम निपटाकर अपने अधिकारी को रिपोर्ट भी कर रहे हैं। यूपी में सत्ता परिवर्तन के बाद से सरकारी बाबुओं को खूब मशक्कत करनी पड़ रही है। रोज देर रात तक सीएम आदित्यनाथ योगी और उनके कैबिनेट मंत्रियों के साथ अधिकारियों की बैठक चलती है। जहां सीएम योगी ने सभी विभागों के सचिवों से हर चीज की खबर लेने के साथ आगे के रोड मैप पर चर्चा कर रहे हैं। वहीं योगी सरकार ने 5 साल में 10 लाख नए रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रख दिया है। यूपी सचिवालय में आजकल देर रात तक खूब चहल-पहल देखने को मिल रही है। देर रात 11 बजे तक सीएम विभागों की बैठक कर रहे होते हैं तब अधिकारी व कर्मचारी यहां फाइलों का पुलिंदा लेकर दौड़ते-भागते दिखते हैं। सूत्रों की मानें तो योगी अब देर रात या फिर तड़के सुबह ही बैठक करने वाले हैं। इस दौरान हीला-हवाली करने वाले अधिकारियों को सीएम योगी ने चौकस रहने की सख्त हिदायत दे दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात को माना कि जिस तरह से योगी सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों से काम करवा रही है। समान्य तौर से अधिकारियों को ऐसे काम करने की आदत नहीं है। सीएम योगी ने सभी विभागों से 100 दिनों का रोडमैप बनाने और उस पर तुरंत अमल शुरू करने को कहा है। इन 100 दिनों के बाद सभी अधिकारियों से काम का रिपोर्ट भी तलब किया जाएगा और कोताही पाए जाने पर अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दे दी गई है। वहीं इन 100 दिनों के सरकार का अगला लक्ष्य 6 महीने और फिर 1 साल के लिए रोडमैप बनाने और उसपर अमल का होगा। यहां जिम्मेदारी तय करते हुए तेजी से काम पूरा करने का योगी का लक्ष्य साफ झलकता है। लिहाजा योगी की इस कार्यशैली से अफसर व कर्मचारी सकते में हैं।
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