E9 News, नई दिल्लीः दिल्ली के रामजस कॉलेज में 21 फरवरी को हुए विवाद के बाद छात्र संगठन एबीवीपी ने भी आज दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में विरोध मार्च निकाला। इस विरोध मार्च में बड़ी संख्या में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। एबीवीपी ने ये मार्च वामपंथी छात्र संगठन AISA के विरोध मार्च के जवाब में निकाला है।
गौरतलब है कि दोनों छात्र संगठनों के बीच ये विवाद तब शुरू हुआ था जब 21 फरवरी को AISA के कार्यकर्ताओं ने रामजस में एक संगोष्ठी आयोजित की थी। संगोष्ठी में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को आमंत्रित किया था जिसका एबीवीपी विरोध कर रही थी। इसी विरोध के चलते दोनों छात्र संगठन के बीच झड़प शुरू हो गई थी। जेएनयू छात्र उमर खालिद पर देश विरोध नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का केस चल रहा है।
एबीवीपी ने आरोप लगाया था कि कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगाए जा रहे थे जिसका विरोध करने पर AISA के कार्यकर्ताओं ने मारपीट शुरू कर दी। आरोप है कि घटना के अगले दिन 22 फरवरी को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने रामजस कॉलेज के बाहर एक विरोध मार्च निकाला और इस दौरान विरोधी गुट के छात्रों, शिक्षकों और पत्रकारों पर कथित तौर पर हमला किया। इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया था जब रामजस कॉलेज में हुए हिंसक झड़प के बाद लेडी श्री राम कॉलेज और करगिल में शहीद कैप्टन मंदीप की बेटी ने एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया।
गुरमेहर ने अपने फेसबुक पोस्ट में एक तख्ती में लिखा की वो एबीवीपी से नहीं डरती और इसमें पूरा देश उसके साथ खड़ा है। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के साथ ही राजनीतिक दलों के नेता से लेकर फिल्मी सितारे और क्रिकेटर तक इस विवाद में कूद पड़े और कोई गुरमेहर के समर्थन में आ गया तो किसी ने गुरमेहर के पोस्ट के खिलाफ उनपर हमला भी किया। इस मामले में एबीवीपी पर ये आरोप भी लगा कि उसके कार्यकर्ता गुरमेहर को रेप की धमकी दे रहे हैं जिसके बाद एबीवीपी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर धमकी देने वाले को गिरफ्तार करने की मांग की थी।
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