E9 News, नागौर (ब्यूरो) राजस्थान के क्राइम की दुनिया में ये नाम मशहूर है। कोई इसे गैंगस्टर तो कोई लेडी डॉन के रूप में जानता है। इंद्रचंद अपहरण मामले में गैंगस्टर आनंदपाल की साथी अनुराधा को जयपुर से पुलिस वैन में लाकर अदालत में पेश किया गया। साथ ही आनंदपाल गिरोह के 12 सदस्यों को अलग-अलग जेलों से लाकर पेश किया गया। आर्म्स एक्ट के मामले में अनुराधा चौधरी को 2 साल की सजा सुनाई है।अनुराधा कैसे बन गई लेडी डॉन, ये है। अनुराधा उर्फ अनुराग सीकर में रानी सती रोड की मूल निवासी है। 33 साल की इस लेडी डोन की शादी सीकर के ही दीपक मिंज नाम के व्यक्ति के साथ हो चुकी है। वह शेयर बाजार में काम करती थी। इसमें नुकसान होने के बाद उसके ऊपर काफी कर्ज लद गया।
कर्ज बढ़ता गया तो उसने गैंगस्टर आनंदपाल से संपर्क बढ़ाया। धीरे-धीरे वह गैंग की अहम सदस्य बन गई। इसके बाद उसने सीकर के एक व्यापारी का अपहरण किया। पुलिस ने उस पर 5 हजार रुपए इनाम भी घोषित किया था। 27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में भी पुलिस को अनुराधा की तलाश थी।अपहरण के मामले में नाम जुड़े होने के बावजूद अनुराधा गैंगस्टर आनंदपाल से जेल में बेधड़क मिलने आती रहती थी। चूरू SP ने SOG व ATS को पत्र लिखकर बताया था कि वह फिरौती, अपहरण की साजिशों में सक्रिय है। चूरू SP के पत्र को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। अनुराधा 23 नवंबर व 30 नवंबर, 2014 को अजमेर जेल में आनंदपाल से मिली थी। मामला 23 जनवरी, 2014 का है। जब डीडवाना में एक बगैर नंबर की स्कार्पियो में पुलिस ने डेढ़ पेटी अवैध अंग्रेजी देशी शराब, 4 जिंदा कारतूस और 38 एम लोडेड रिवाल्वर बरामद की थी। इस मामले में लेड़ी डॉन अनुराग उर्फ अनुराधा तथा एक और शख्स को 2015 के अप्रैल महीने में जयपुर से अरेस्ट किया गया था। लेडी डॉन अनुराधा आनंदपाल गिरोह में भी सक्रिय रही है। आरोपी अजीत ने अदालत में कहा कि अवैध शराब और हथियार के साथ जो शख्स पकड़ा गया, वो मैं नहीं हूं।
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