E9 News दिल्ली (ब्यूरो) दिल्ली पुलिस ने अन्नाद्रमुक नेता टीटीवी दिनाकरण के खिलाफ अपने धड़े के लिए पार्टी का ‘दो पत्तियां’ चुनाव चिह्न हासिल करने के बदले में चुनाव आयोग के अधिकारी को रिश्वत देने का प्रयास करने के आरोप में एक मामला दर्ज किया। पुलिस ने कथित बिचौलिया को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद दिनाकरण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस के अनुसार वह बिचौलिया अन्नाद्रमुक नेता की चुनाव आयोग के एक अज्ञात अधिकारी से संपर्क कराने में कथित तौर पर मदद कर रहा था। उसने कथित तौर पर 50 करोड़ रुपए में यह काम कराने का सौदा तय किया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिनाकरण के खिलाफ अभी गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं हुआ है। कथित बिचौलिया सुकेश चंद्रशेखर पुलिस की हिरासत में है, जिसे रविवार को नई दिल्ली में एक पांच सितारा होटल से पकड़ा गया था। उसे आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इस घटनाक्रम से अन्नाद्रमुक (अम्मा) धड़े की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। वीके शशिकला इस धड़े की नेता हैं, जो दिनाकरण की चाची हैं। शशिकला फिलहाल आय से अधिक संपत्ति के मामले में बेंगलुरु में एक जेल में कारावास की सजा काट रही हैं। तमिलनाडु में इस बात की अफवाह जोरों पर है कि शशिकला और उनके भतीजे को त्यागकर अम्मा धड़ा और प्रतिद्वंद्वी पनीरसेल्वम धड़े का विलय हो सकता है। शशिकला तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी सहायक थीं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, इस बात की जानकारी मिली है कि सुकेश ने अन्नाद्रमुक (अम्मा) धड़े को ‘दो पत्तियां’ चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद के लिए 50 करोड़ रुपए में सौदा तय किया था। उन्होंने कहा कि बिचौलिए को सौदे की रकम में से 10 करोड़ रुपए मिल गए थे। शेष रकम उसे एक निश्चित समय-सीमा के भीतर मिलनी थी। पुलिस ने कथित बिचौलिया चंद्रशेखर के पास से 1.30 करोड़ रुपए और एक बीएमडब्ल्यू और एक मर्सीडिज कार बरामद की है।
अपना-अपना दावाः जयललिता की मृत्यु की वजह से आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने की जरुरत पड़ी है। शशिकला के अम्मा धड़े और पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी धड़े ने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियां’ पर दावा किया। हालांकि, चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया और दोनों धड़ों से अन्य चुनाव चिह्न को चुनने को कहा।
मैंने नहीं दी रिश्वतःजेल में बंद पार्टी प्रमुख शशिकला से मिलने के लिए बेंगलुरु रवाना होने से पहले दिनाकरण ने कहा, मैंने किसी को भी रिश्वत नहीं दी। उन्होंने कहा, कैसे कोई दलाल या कोई और व्यक्ति यह कह सकता है कि धन टीटीवी दिनाकरण के पास से आया था। मैं उस चंद्रशेखर नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानता हूं। उन्हें दिल्ली पुलिस से कोई सम्मन या पत्र नहीं मिला है।
बातचीत की रिकॉडिंगः पुलिस ने चंद्रशेखर का पीछा तब किया जब उसे एक मुखबिर से सूचना मिली कि चुनाव आयोग के कुछ अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसके पास दिनाकरण और चंद्रशेखर के बीच फोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ रकम का भुगतान कोच्चि में किया गया।
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