E9 News चंडीगढ़: पंजाब के आबकारी एवं कर विभाग द्वारा राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में स्थित मैरिज हॉल और फॉर्म हाउस आदि में शराब परोसने पर प्रतिबंध लगाए जाने से पंजाबी शादियों का मजा किरकिरा हो गया है। हालांकि, मैरिज हॉल के मालिकों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराबबंदी के आदेश में मैरिज हॉल का उल्लेख नहीं है। इसपर राज्य के आबकारी विभाग ने पंजाब के महाधिवक्ता से आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा है। पंजाब मैरिज पैलेस एंड रिसॉर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिद्धू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश में, मैरिज पैलेस का कोई जिक्र नहीं है जहां, शराबबंदी लागू की जा रही है। आदेश में शराब बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन मैरिज पैलेस में शराब खरीदी या बेची नहीं जाती है। सिद्धू ने कहा कि इन पैलेस में जो उपयोक्ता समारोह का आयोजन करते हैं, वे शराब परोसते हैं। इसलिए, मैरिज पैलेस को शराब परोसने से नहीं रोका जाना चाहिए। आबकारी विभाग पर शीर्ष अदालत के फैसले का अर्थ निकालने का आरोप लगाते हुए सिद्धू ने कहा कि इससे हमारा कारोबार प्रभावित होगा। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि विभाग ने पंजाब के महाधिवक्ता से यह पूछा है कि क्या उच्चतम न्यायालय का फैसला मैरिज पैलेस पर लागू है या नहीं।अधिकारी ने कह कि मामला स्पष्ट होने तक, मैरिज पैलेस को शराब नहीं परोसने को कहा गया है। सिद्धू ने बताया कि पंजाब में करीब 3400 मैरिज पैलेस हैं और उनमें से 85 प्रतिशत राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में स्थित हैं, ऐसे में ये फैलसा उनके लिए अच्छा नहीं है।
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