E9 News रांची: धुर्वा थाना क्षेत्र के आदर्शनगर में रहने वाले संतोष कुमार ने सातवीं कक्षा में फेल होने के बाद रविवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार को रिजल्ट निकलने के बाद से ही वह घर के लोगों से कटा-कटा सा रह रहा था। लेकिन परिवार वाले उसके इरादे को भांप नहीं पाये और महज 12 साल की उम्र में संतोष ने खुद को खत्म कर लिया। मृतक संतोष के पिता नंदलाल महासेठ ने आशंका जताई है कि योगदा सत्संग स्कूल में कक्षा सात में फेल होने से हताश होकर बेटे ने यह काम किया। परिणाम आने के बाद से ही वह तनाव में रह रहा था। उसने तनाव में आकर ही अपने झोपड़ीनुमा घर में लकड़ी की बल्ली से प्लास्टिक की रस्सी के सहारे फांसी लगा ली थी। रविवार की देर शाम परिजन ने ही उसे उसके कमरे में रस्सी के सहारे लटकते देखा। आनन-फानन में उसे नीचे उतारा गया, पर तबतक मौत हो चुकी थी। सूचना पर पहुंची धुर्वा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। संतोष के पिता नंदलाल और दो बड़े भाई शादी-पार्टी में आइसक्रीम का काउंटर लगाते हैं। वे मूलत: मुजफ्फरपुर के गायघाट के रहने वाले हैं। परिजन के अनुसार संतोष लकड़ी की सीढ़ी के सहारे झोपड़ीनुमा घर में बल्ली तक पहुंचा था और फांसी लगा ली थी। परिजनों का रोकर हाल बेहाल है। इस मामले में रिनपास के निदेशक डॉ नाग ने बताया कि बच्चों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति एक प्रकार का बड़ा मनोविकार है। यह मौजूदा समय में अभिभावकों की ओर से बच्चों में पढ़ाई के लिए दबाव डालने की वजह से बढ़ा है। बच्चे संवेदनशील होते हैं। अभिभावकों को बच्चों की सराहना करते हुए उनकी रुचि बढ़ानी चाहिए। रुचि के मुताबिक उन्हें करियर के प्रति जागरूक करना चाहिए।
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