November 15, 2024

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सिख दंगाः 31 साल पहले बंद हुए 5 मामलों की फिर से सुनवाई

E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो) दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 में हुए सिख दंगे से जु़ड़े पांच मामलों में फिर से सुनवाई के आदेश दिए हैं। इन मामलों को 1986 में बंद कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि इन सभी मामलों में प्रत्यक्षदर्शियों को एक्जामिन नहीं किया गया था। सभी मामलों को 1986 में ही बंद कर दिया गया था। न्यायमूर्ति गीता मित्तल और अनु मल्होत्रा की पीठ ने सभी आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये पूछा है कि बतायें कि उनके खिलाफ मामले में क्यों न फिर से सुनवाई हो। मामले में आरोपियों की रिहाई के संबंध में सुनवाई अदालत के रिकॉर्ड को देखने के बाद उच्च न्यायालय ने इन मामलों में फिर से सुनवाई के लिये स्वत: संज्ञान लेते हुये निर्देश दिये।
सीबीआई द्वारा 1984 दंगों से जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के सामने सुनवाई अदालत के रिकॉर्ड रखे गये थे। इस मामले में सीबीआई के कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की रिहाई को जांच एजेंसी ने चुनौती दी थी। रिकॉर्ड देखने के बाद पीठ ने पाया कि सुनवाई अदालत द्वारा न तो गवाहों और न ही शिकायतकर्ताओं का सही से परीक्षण किया गया और मामले का फैसला ‘जल्दबाजी’ में किया गया। अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिये कि वह इस मामले की जांच करे और शिकायतकर्ताओं को अदालत में पेश होने का निर्देश देते हुये मामले में सुनवाई की अगली तारीख 20 अप्रैल तय की है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केस से जुड़ी 190 फाइलें तीन हफ्ते के अंदर केंद्र से देने को कहा था। कोर्ट ने कहा, ‘‘हम इन 199 मामलों पर ध्यान देना चाहते हैं जिनके संबंध में एसआईटी ने बंद करने का और इन मामलों में कोई अभियोजन शुरू नहीं करने का फैसला किया है। हम केंद्र सरकार को इन 199 मामलों से संबंधित फाइलों को तीन सप्ताह के अंदर रखने का निर्देश देते हैं।’’ आपको बता दें कि 1984 में 31 अक्टूबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। हत्या उनके सुरक्षा गार्ड ने की थी। उसके बाद पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर सिख के खिलाफ दंगा भड़क गया था। दो हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। सबसे ज्यादा प्रभावित दिल्ली हुआ था।