E9 News, श्रीनगर (साजिद मनुवार्डी) सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा, क्या जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं को दे दें अल्पसंख्यक का दर्जा?सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार को गैर मुस्लिम समुदाय को अल्पसंचख्यक दर्जे पर रिपोर्ट देने को चार सप्ताह का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार से यह तय करने को कहा है कि क्या राज्य में हिंदू और अन्य गैर मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यकों की श्रेणी में आते हैं। क्या इसके तहत उन्हें आरक्षण के फायदे दिए जा सकते हैं। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बैंच ने सोमवार (27 मार्च) को यह बात रिकॉर्ड में ली कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकारी एक साथ बैठकर जम्मू कश्मीर में अल्पंसख्यकों को होने वाली परेशानियों पर विचार करने और चार सप्ताह में प्रस्ताव देने को सहमत है। इस संबंध में जम्मू के वकील एडवोकेट अंकुर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यकों को मिलने वाले फायदे मुसलमान ले रहे हैं जो कि यहां पर बहुसंख्यक हैं। याचिका में दावा किया गया कि धार्मिक और भाषा के आधार वाले अल्पसंख्यकों के अधिकारों को अवैध और तानाशाही वाले तरीके से खत्म किया जा रहा है। यह फायदे अयोग्य वर्ग को दिए जा रहे हैं।
सुनवार्इ के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिशीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एक समुदाय जो कि बहुसंख्यक है लेकिन किसी जगह वह अल्पसंख्यक है तो उनसे जुड़े मुद्दों की जांच के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय काम कर रहा है। इस पर कोर्ट की बैंच ने कहा, ”हम इस बात की तारीफ करते हैं कि यह काफी महत्वपूर्ण मसला है। जिस तरह से अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया है तो उसे ध्यान में रखना होगा। यदि किसी समुदाय को कोई सुरक्षा दी गई है तो फिर इस तरह की सुरक्षा को लागू करने के लिए आपसे बेहतर स्थिति में कौन हैं।”
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