E9 News ह्यूस्टन: ‘मुझे खुशी है कि मैं जीवित हूं’, ये शब्द हैं अमेरिका के कंसास शहर में हुए नस्ली नफरत आधारित अपराध में जीवित बचे भारतीय शख्स आलोक मदासानी के। कंसास शहर में हुए नस्ली नफरत के इस मामले में एक श्वेत अमेरिकी ने भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की हत्या कर दी थी और घटना में उनके सहकर्मी आलोक मदासानी गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इस भयावह घटना का जिक्र करते हुए मदासानी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आखिर क्यों उन्होंने और उनके मित्र ने उस रात मिसौरी के कंसास शहर स्थित ऑस्टिन बार एंड ग्रिल जाने का इरादा किया था। उसी रात एडम प्युरिंटन ने नस्ली टिप्पणी करते हुए उनके उपर गोलियां चलायी थीं और चीखते हुए कहा था, ‘‘आतंकवादियों, चले जाओ मेरे देश से।’’ कुचिभोटला के बारे में बात करते हुए मदासानी ने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ, उस पर अब तक मुझे यकीन नहीं होता। इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि श्रीनिवास को मैं कितना याद करता हूं। उन्होंने कहा कि, ‘अपनी आंखों के सामने अपने सबसे अच्छे दोस्त को खोने के दर्द से उबरना बेहद मुश्किल होता है और यह तथ्य भी कि यह हम दोनों में से किसी के भी साथ हो सकता था।’’ दोनों कंसास राज्य के ओलेथ में ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ (जीपीएस) निर्माता गार्मिन में कार्यरत थे।
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