E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो) देशभर में 1 मई से पीएम समेत मंत्रियों और अफसरों की गाड़ियों पर बत्ती लगाना बैन कर दिया गया है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को यह फैसला किया। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अब सिर्फ एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी इमरजेंसी सर्विसेज के व्हीकल्स पर ही नीली बत्ती लगाई जा सकेगी। बत्ती वाले नियम रद्द…
– अरुण जेटली ने कहा कि 1 मई से नीली बत्ती एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस जैसी इमरजेंसी सर्विस के व्हीकल्स पर लगाई जा सकेगी।
– उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के नियम 108 (i) और 108 (iii) के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के वीआईपी की गाड़ियों में लाल बत्ती लगाने का हक मिला हुआ था, लेकिन अब यह नियम रद्द किया जा रहा है। यानी अब देशभर में किसी भी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगाई जा सकेगी।
– जेटली ने कहा कि नियम 108 (2) में राज्य सरकारों को वीआईपी गाड़ियों पर नीली बत्ती लगाने की परमिशन देने का हक था, लेकिन अब इसे भी बदला जा रहा है।
एक्ट में बदलाव की जरूरत नहीं: गडकरी
– उधर, रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा कि इसके लिए जल्द से जल्द एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
– उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करने की जरूरत नहीं होगी।
गडकरी ने सबसे पहले हटाई लाल बत्ती
– गडकरी लाल बत्ती छोड़ने वाले मोदी कैबिनेट के पहले मंत्री हैं। उन्होंने बुधवार को अपनी सरकार गाड़ी से लाल बत्ती हटा दी।
– इस बारे में उन्होंने कहा, “यह सरकार आम आदमी की सरकार है, जिसने फैसला किया गया है कि लाल बत्ती और सायरन के इस्तेमाल वाला वीआईपी कल्चर खत्म किया जाए।”
– गडकरी के अलावा कई और केंद्रीय मंत्रियों ने अपनी गाड़ियों पर बुधवार से ही लाल बत्ती का इस्तेमाल बंद कर दिया है।
PMO में डेढ़ साल से पेंडिंग था मामला
– बताया जा रहा है कि सरकारी गाड़ियों पर बत्ती का इस्तेमाल खत्म करने के लिए रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी काफी वक्त से काम कर रही थी।
– पीएमओ में यह मामला करीब डेढ़ साल से पेंडिंग था। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पीएमओ ने एक मीटिंग भी की थी, जिसमें कई बड़े ऑफिसर्स से बात की थी।
– फैसला कैसे लागू किया जाए इस पर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी ने अपनी अोर से पांच ऑप्शन दिए थे।
क्या थे ऑप्शन?
– ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने पीएमओ को जो ऑप्शन दिए उनमें पहला यह था कि बत्ती का इस्तेमाल सभी के लिए बंद कर दिया जाए।
– दूसरा यह कि प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, पीएम और के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर को इसकी इजाजत दी जाए।
सबसे पहले AAP ने बैन की थी लाल बत्ती
– बता दें कि लाल बत्ती पर बैन का फैसला सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने लिया था, जब दिसंबर 2013 में दिल्ली में उसकी सरकार बनी थी। बाद में फरवरी 2015 में वह दोबारा सत्ता में तब भी यह नियम जारी रहा।
– पंजाब में हाल ही में बनी कांग्रेस सरकार ने लाल बत्ती का इस्तेमाल पूरी तरह बैन कर दिया है। यहां भी किसी अफसर, मंत्री या विधायक को गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने की इजाजत नहीं है।
– उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद यहां भी लाल बत्ती का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है।
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