E9 News, शिमला (उज्जवल) गैंगरेप की शिकार हुई नाबालिग को 28 साल बाद न्याय मिला है। वर्ष 1989 में मनाली में एक नाबालिग से पांच लोगों ने गैंगरेप किया था। गैंगरेप के पांच दोषियों को हिमाचल हाईकोर्ट ने तीन-तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन्हें पचास-पचास हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश भी दिया है। हाईकोर्ट ने दोषियों को जैसे ही सजा सुनाई, उसके बाद सभी को अदालत से सीधे शिमला की कंडा जेल भेज दिया गया। इससे पहले दोषियों को निचली अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने सेशन जज कुल्लू के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति धर्मचंद चौधरी व न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने पांचों दोषियों को तीन-तीन साल के कठोर कारावास सहित पचास-पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। ये जुर्माना पीडि़ता को दिए जाने के आदेश जारी किए गए हैं।
शादी का झांसा देकर बरगलाया था नाबालिग कोः 28 साल पहले पीड़ित नाबालिग मनाली के एक वीडियो पार्लर में फिल्म देखने गई थी। पीड़िता के अनुसार वहां विजय कुमार नामक युवक ने उसे शादी का झांसा दिया। बाद में विजय कुमार उसे एक गाड़ी में बिठाकर सोलंग नाला ले लिया। विजय के साथ रवि और मुन्ना के साथ बिठाकर सोलंग नाला की तरफ ले गया। सोलंग नाला पहुंचने पर गाड़ी को पार्क कर आरोपी विजय कुमार ने नदी किनारे उसके साथ जबर्दस्ती दुष्कर्म किया। इसके बाद दोषी रवि कुमार व मुन्ना के साथ अन्य गाड़ी में आए तीन लोगों ने भी पीडि़ता के साथ गैंगरेप किया। उक्त वहशियों ने इस पर भी रहम नहीं किया और एक दफा फिर से गैंगरेप किया। किसी तरह बचकर पीडि़ता घर पहुंची और अपनी मां को सारा वाकया बताया। अगले दिन मनाली थाना में केस दर्ज हुआ। अभियोजन पक्ष ने दोष साबित करने के लिए निचली अदालत में 10 गवाहों को पेश किया। निचली अदालत ने साक्ष्यों को नाकाफी बताते हुए दोषियों को बरी कर दिया था। बाद में इस फैसले को सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को फिर से फैसला देने के लिए कहा। ट्रायल कोर्ट ने फिर से साक्ष्यों के अभाव में दोषियों को बरी कर दिया। राज्य सरकार ने एक बार फिर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की। सरकार की अपील को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने साक्ष्यों को ठीक ढंग से नहीं परखा, जिस कारण दोषियों को समय पर सजा नहीं हो पाई।
इलाका प्रधान पर भी दुष्कर्म का आरोपः इसी मामले में इलाका प्रधान चुन्नी लाल पर भी दुष्कर्म के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। फिलहाल हाईकोर्ट ने रघुवीर सिंह, हरी राम, रवि प्रकाश, सुनील कुमार व विजय कुमार को सजा सुनाई। वहीं, चुन्नी लाल के मामले में सरकार के अनुसार इलाका प्रधान होने के कारण उसे जानबूझ कर आरोपी नहीं बनाया गया था।
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