E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो) देश में रक्षा विनिर्माण नीति को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार नई नीति बना रही है। इसका इरादा लड़ाकू विमान, जहाज और पनडुब्बियों का आयात कम कर देश में ही इनका निर्माण करना है। शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उद्योग चैंबर CII की सालाना बैठक में यह बात कही। उनके पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है। उन्होंने नई नीति के बारे में खुलासा नहीं किया। वित्त मंत्री के मुताबिक हम GDP का 1.8% रक्षा पर खर्च करते हैं। यहां 70% रक्षा उपकरणों का आयात किया जाता है। सरकार इसे बदलना चाहती है। नीति में फोकस टेक्नोलॉजी के गढ़बंधन पर होगा। हम केवल रक्षा उपकरण खरीदेंगे नहीं, यहां बनाएंगे भी। उन्होंने कहा, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उद्योग से जो प्रतिक्रिया हमें मिली है, वह उत्साहित करने वाली है। भारत ने 2025 तक करीब 250 अरब डॉलर रक्षा उपकरणों पर खर्च करने का लक्ष्य बनाया है। विनिर्माण के विषय पर जेटली के मुताबिक विकसित दुनिया के संरक्षणवादी रुझानों के वक्त में यदि देश अपने विनिर्माण में सुधार कर ले तो भारत वैश्विक तौर पर प्रमुख प्रस्तावक बन सकता है।
Search for the Truth
More Stories
शेखपुरा जिले के पास मालगाड़ी के चपेट में आने से 8 लोगों की मौत
दिल्ली के मियांवली इलाके में रात को गैंगवार
अखिलेश यादव को लगा एक और झटका