E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो) : खबर है कि… केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने ओडि़शा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से ट्विटर पर दिए गए नई रेल लाइन के प्रस्ताव को महज तीन मिनट के अंदर स्वीकार कर लिया. मुख्यमंत्री पटनायक ने परियोजना की आधी लागत साझा करने की पेशकश की, जिसे रेलमंत्री प्रभु ने फौरन स्वीकार कर लिया. प्रभुजी! ट्विटर पर यह त्वरित समाचार राजस्थान की मुख्यमंत्री को भी उपलब्ध करवाएंगे तो बड़ी मेहरबानी होगी… यहां तीन दशक से रतलाम-बांसवाड़ा-डंूगरपुर रेल लाइन पटरी पर नहीं आ पा रही है! तीन राज्यों… गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश की किस्मत बदलनेवाली इस रेल लाइन की बद्किस्मती देखिए कि केन्द्र और राज्य सरकारों ने मिलकर अब तक जनता की टैक्स की कमाई का करोड़ों रुपए फंूकने के बाद बेशर्मी से इसे ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया है! प्रभुजी, अब आप ही बताओं… ये धन किससे वसूला जाए? यहां देवी त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में सत्ता की झोली फैला कर राजसुख कामना तो खूब की जाती है लेकिन इस क्षेत्र को रेलसुख देने में किसी की दिलचस्पी नहीं है… क्यों? इस क्षेत्र की जनता तीन दशक से रेलवे के लिए दिल्ली तक की पटरियां लगातार नापती रही है लेकिन वो तीन मिनट इस क्षेत्र को कभी नहीं मिले! इस क्षेत्र में रेल एक इंच जमीन पर भी नहीं है…. सड़के शुद्ध सरकारी हंै इसलिए हड्डीतोड़ बसयात्रा असरकारी है… राजनेताओं को त्रिपुरा सुंदरी आने के लिए तलवाड़ा हवाई पट्टी उपलब्ध है… रही बात जनता की तो… असली वोट देना जनता का उत्तम धर्म है, नकली वादे करना राजनेताओं का सर्वोत्तम कर्म है! इस रेलवे लाइन का अपराध यह है कि इसे केन्द्र और राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने स्वीकृत किया था… प्रभुजी, आप ही बताओ… अपने नाम की पट्टी लगाने के लिए पुरानी पट्टी उखाडऩे का राजनीतिक खेल कब तक चलेगा?
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