E9 News, नई दिल्लीः दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से कोलकाता ओवरनाइट यात्रा के लिए रेलवे ने गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है। मिशन रफ्तार के तहत यह टारगेट पूरा करने के लिए राजधानी दिल्ली में रेल भवन में रेलवे बोर्ड के आला अफसरों की एक उच्चस्तरीय मीटिंग हुई। इस बैठक में दिल्ली से कोलकाता और दिल्ली से मुंबई के बीच रेल लाइन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए दुरुस्त करने के मामले में हर एक पहलू को लेकर बातचीत की गई।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए.के. मित्तल की अगुवाई में देश में रेल यात्रा में तेजी लाने के लिए और रेल यात्रा का समय कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने हाई स्पीड ट्रेन परियोजना को लेकर तमाम चीजों पर विचार विमर्श किया। इस बैठक में तय किया गया कि दिल्ली से कोलकाता के हावड़ा तक रेल मार्ग को 107 किलोमीटर की स्पीड के लिए दुरुस्त करने के काम को एकसूत्रीय तरीके से किया जाएगा।
पूरे प्रोजेक्ट को जोन या डिवीजन के लेवल पर ना करके मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट के तहत पूरा किया जाएगा। इस काम में सिविल इलेक्ट्रिकल सिग्नल और टेलीकॉम के सभी लोगों को मिलाकर एक अलग से प्राथमिक यूनिट बनाई जाएगी, इसी तरह से दिल्ली से मुंबई के बीच रेल मार्ग को 107 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए दुरुस्त करने के इरादे से हर तरीके का काम एक प्राथमिक इकाई के तहत किया जाएगा।
इस बार के बजट में नई दिल्ली और हावड़ा रेल सेक्शन को सेमी हाईस्पीड के लिए तैयार करने के वास्ते 6974 करोड़ रुपए की धनराशि निश्चित की गई है। इसी तरह नई दिल्ली और मुंबई रेल सेक्शन को सेमी हाईस्पीड बनाने के लिए 11189 करोड़ रुपए की धन राशि आवंटित की गई है। खास बात यह है कि रेलवे बोर्ड की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि इन दोनों रेलवे मार्गों को 160 से लेकर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए तैयार किया जाए, ऐसा करने के लिए इन रेलमार्गों पर तमाम पुराने पुलों को दुरुस्त किया जाएगा और इसी के साथ जहां-जहां पर फेंसिंग की जरूरत होगी वहां पर फेंसिंग की जाएगी।
रेलवे बोर्ड की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि अगले 3 सालों में मालगाड़ियों की औसत गति को दोगुना किया जाना और अगले 5 साल में मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों की औसत गति को 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई के रेल मार्ग की सिग्नलिंग को अत्याधुनिक किया जाना बहुत ही जरुरी है। इसके अलावा इन दोनों रेलवे मार्गों पर घुमाव और मोड़ों को सेमी-हाईस्पीड के लिए मुफीद बनाए जाने की भी जरूरत है। रेलवे बोर्ड ने इन दोनों रेलमार्गों के लिए कार्यान्वन योजना तैयार कर ली है और जल्द ही इस का डीपीआर बना लिया जाएगा। बोर्ड की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया यह सारा काम 2019 की शुरुआत में कर लिया जाना है।
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