E9 News, मुंबईः बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों में किसी भी पार्टी का बहुमत नहीं मिलने के एक दिन बाद दोनों बड़ी पार्टियों शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी में शुक्रवार को महापौर पद पाने के लिए पर्याप्त संख्या जुटाने की होड़ मची रही। शिवसेना के प्रयासों को दो बागियों उम्मीदवारों की पार्टी में लौट आने से बढ़ावा मिला। इन दोनों उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके अलावा एक और निर्दलीय पार्षद ने शिवसेना के प्रति समर्थन जताया।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसे मंजूरी देते हुए शिवसेना की संख्या 84 से 87 होने की बात कही है। भाजपा ने 82 सीटों पर जीत के साथ चार अज्ञात स्वतंत्र पार्षदों के समर्थन का दावा किया और महापौर पद के लिए कथित तौर 86 की संख्या बताई।हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) द्वारा गुरुवार को जारी आधिकारिक आकड़ों के मुताबिक, मौजूदा 227 सदस्यीय बीएमसी सदन में सिर्फ 5 निर्दलीय चुने गए हैं।
तीन पहले ही शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। इस तरह सिर्फ दो निर्दलीय बचे हैं, इससे भाजपा के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार के सार्वजनिक दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शिवसेना नेतृत्व को कार्यकर्ताओं के भाजपा से गठबंधन को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस गठबंधन से शिवसेना का अंत हो जाएगा। प्रमुख शिवसेना कार्यकर्ता सुभाष तालेकर ने ठाकरे से कांग्रेस, एनसीपी और एमएनएस से समर्थन मांगने का अनुरोध किया, लेकिन पार्टी के अस्तित्व के लिए भाजपा से हाथ मिलाने को लेकर चेतावनी दी।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भाजपा और शिवसेना को एक साथ बैठकर मुद्दे का सौहार्दपूर्ण हल निकालने का आग्रह किया। अठावले ने कहा, ‘दोनों पार्टियों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। मेरा सुझाव है कि मुंबई के हित के लिए दोनों पार्टियों को महापौर के पद का ढाई साल के लिए रखना चाहिए।’
मुंबई नगर निगम के चुनावी नतीजों के बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) और शिवसेना के बीच मेयर पद को लेकर जारी खींचतान को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मुंबई नगर निगम के संचालन के लिए दोनों दलों के पास गठबंधन के अलावा ‘कोई और विकल्प’ नहीं है।
गडकरी ने कहा, ‘अभी ऐसी स्थिति है जिसमें दोनों दलों को साथ आना ही होगा।’ गडकरी ने कहा, ‘इस मामले में आखिरी फैसला मुख्यंत्री देवेंद्र फडनवीस और शिव सेना चीफ उद्धव ठाकरे ही लेंगे। दोनों नेता परिपक्व हैं और वह इस मामले में सही फैसला लेंगे।’
एक मराठी टीवी चैनल से बातचीत में गडकरी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दोनों दलों को सूझ-बूझ दिखाते हुए फैसला लेना होगा।’ उन्होंने कहा कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में बीजेपी और पीएम मोदी को निशाना बनाया गया। गडकरी ने कहा, ‘अगर हमारे साथ दोस्ती रखनी है तो सामना में लिखे जाने को रोकना होगा। अगर आप हर दिन हमारे पीएम और पार्टी प्रेसिडेंट के खिलाफ लगातार हमला करते हैं तो कैसे दोस्ती हो सकती है?’
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