E9 News, नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा की अटकलों को खारिज करते हुए दावा किया है कि पहली बार सपा और बसपा के पारंपरिक वोट भाजपा को मिल रहे हैं और वह स्पष्ट बहुमत के साथ उत्तरप्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। भाजपा ने कहा कि सपा के साथ कांग्रेस के गठबंधन के कारण अल्पसंख्यक मतों का बिखराव हुआ है और त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनने का स्पष्ट रूप से भाजपा को लाभ मिल रहा है।
भाजपा नेता जगदम्बिका पाल ने कहा कि भाजपा को हर वर्ग के लोगों का वोट मिल रहा है। जहां तक बात चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण की है, वहां भाजपा का मुकाबला कुछ सीटों पर सपा और कुछ पर बसपा से है। लखनउ से बलिया और देवरिया, बनारस, गोरखपुर से आजमगढ़ इन क्षेत्रों में सपा काफी पिछड़ रही है और वह बसपा से भी पीछे चली गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि पूर्वी उत्तरप्रदेश में जिस दल को बहुमत में सीटें मिली है, उसने राज्य में सरकार बनाई है। ऐसे में पूर्वी उत्तरप्रदेश में इस बार भाजपा को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। सपा के साथ कांग्रेस के गठबंधन से अल्पसंख्यक मतों का बिखराव हुआ है और त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनने का स्पष्ट रूप से भाजपा को लाभ मिल रहा है। पाल ने कहा कि त्रिशंकु विधानसभा की अटकलें विपक्षी दलों द्वारा फैलायी अफवाह है और पहली बार सपा और बसपा के पारंपरिक वोट भाजपा को मिल रहे हैं और वह स्पष्ट बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है।
यूपी में दो युवराजों का फ्लाप गठंबधनः भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस सपा गठबंधन को दो युवराजों का फ्लाप गठंबधन करार देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बलात्कार और हत्या के आरोपी सपा विधायक अरूण वर्मा और गैंगरेप के मामले में आरोपी सपा सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति के मामले इसका उदाहरण है। अखिलेश ने आरोपों के बाद भी इन नेताओं के लिए चुनाव प्रचार किया।
उत्तर प्रदेश में काम नहीं कारनामे बोल रहे हैंः शर्मा ने कहा, ‘‘किसी भी मामले को राजनीतिक रंग देकर ट्रेजेडी टूरिस्ट बनने वाले राहुल और अखिलेश इस बार मृत बलात्कार पीड़िता के परिवार से मिलने तक नहीं गए।’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में काम नहीं कारनामे बोल रहे हैं।
उत्तरप्रदेश में अराजकता का माहौलः भाजपा नेता ने कहा कि उत्तरप्रदेश में इतना अराजक माहौल है कि गैंगरेप के मामले में केस तक दर्ज नहीं किया जाता और उच्चतम न्यायालय को दखल देना पड़ता है । उच्च न्यायालय भी स्कूलों में टाटपट्टी तक न दे पाने और डेंगू, चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों में मरीजों को सुविधा न दे पाने पर अखिलेश सरकार को फटकार लगा चुका है। शर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन इस बात का उदाहरण है कि सत्ता पाने की उत्कंठा में कांग्रेस अपराध और भ्रष्टाचार के मामलों में गले तक फंसी सरकार का साथ लेने में भी गुरेज नहीं करती ।
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