E9 News, नई दिल्ली: अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट के समन के बावजूद कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाइकोर्ट के जज जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 31 मार्च को पेश होने का निर्देश दिया है। जस्टिस कर्णन को 10,000 रुपये का जमानती बॉन्ड भरना होगा। देश के न्यायिक इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट किसी कार्यकारी हाईकोर्ट के जज के खिलाफ अवमानना का मामला चला रही है। गौरतलब है कि 13 फरवरी को पिछली सुनवाई के दौरान भी जस्टिस कर्णन और उनके वकील सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कार्रवाई तीन हफ्ते के लिए टाल दी थी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को लिखे पत्र को भी संज्ञान में लिया है। इस पत्र में जस्टिस कर्णन ने अपने खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अवमानना नोटिस को दलित विरोधी बताया और इस कार्रवाई की वैधानिकता पर सवाल उठाया है। बता दें कि जस्टिस कर्णन 2011 से पूर्व और मौजूदा जजों पर शुरू से आरोप लगाते आ रहे हैं कि उनके दलित होने के दूसरे जज परेशान कर रहे हैं। जस्टिस कर्नन ने 23 जनवरी को प्रधानमंत्री को लिखे एक खत में बीस सिटिंग और रिटायर्ड जजों पर करप्शन का आरोप लगाते हुए कार्रवाई किये जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के इस तरह के खत और अलग अलग जगह पर दिए गए उनके बयानों का स्वतः संज्ञान लिया है।
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