E9 News, नई दिल्लीः आधार प्रमाणन उपकरण के साथ छेड़छाड़ करना अब और भी कठिन हो जाएगा. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने एक जून से नए एनक्रिप्शन (कूट या कोड लेखन की प्रक्रिया) मानक को लागू करने का फैसला किया है। अब विशिष्ट आधार नंबर के आधार पर सत्यापन करने के लिए संबंधित एजेंसियों को इसका पालन करना होगा। बायोमीट्रिक डिजिटल भुगतान में ऐसे उपकरणों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। नए एनक्रिप्शन मानक का उद्देश्य ऐसे उपकरणों के सुरक्षा चक्र को और मजबूत करना है। यूआइडीएआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने बताया कि प्राधिकरण ने देश के उत्पादकों और वेंडरों को नए मानकों के अनुरूप एसटीक्यूसी प्रमाणन प्रक्रिया को अपनाने का निर्देश दिया है।
एक जून से नए मानकों वाले उपकरण का इस्तेमाल करने और मौजूदा हार्डवेयर को अपग्रेड करने की सलाह दी गई है। अजय भूषण ने स्पष्ट किया कि सिर्फ आधार आधारित सत्यापन करने वाले उपकरणों को ही नए मानक के अनुरूप अपग्रेड करने होंगे। उन्होंने कहा कि एनक्रिप्शन से उसमें सेंध लगाना और भी मुश्किल हो जाएगा। यूआइडीएआइ के सीईओ ने बताया कि मौजूदा समय में दो स्तरों पर सुरक्षा है। पहला, संबंधित एजेंसी के स्तर पर और दूसरा यूआइडीएआइ के प्लेटफॉर्म पर। अब इसमें तीसरा स्तर भी जुड़ जाएगा। मालूम हो कि यूआइडीएआइ 12 अंकों के विशिष्ट आधार नंबर को अमल में लाने के लिए जिम्मेदार एजेंसी है। इसके तहत भारतीय नागरिकों का बायोमीट्रिक विवरण रखा जाता है। अब तक 112 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं, जबकि आधार आधारित सत्यापन का आंकड़ा 500 करोड़ के पार पहुंच चुका है। साथा ही इसके जरिये सौ करोड़ ई-केवाईसी किए जा चुके हैं।
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