November 15, 2024

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‘मुझे पता है यूपी की सभी बीमारियां, इलाज भी जानता हूं’

E9 News, लखनऊ (ब्यूरो) राज्यपाल राम नाईक ने बुधवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर, लखनऊ में पतंजलि योग पीठ एवं भारत स्वाभिमान (न्यास) सहित अन्य संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रथम उत्तर प्रदेश योग महोत्सव का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता योगगुरू बाबा रामदेव ने की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, डा दिनेश शर्मा सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे। इस दौरान योगी आदित्‍यनाथ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लोग मेरे बारे में कई तरह की बाते करते हैं। लोग आजकल साधु संतों को भीख नहीं देते लेकिन प्रधानमंत्री और मेरी पार्टी ने मुझ योगी को उत्‍तर प्रदेश सौंप दिया है। यूपी की चुनौतियां जो हमारे सामने आ रही हैं उनका हल केवल सकारात्‍मक सोच ही है। 2004 से 2014 तक देश की अर्थव्‍यवस्‍था लड़खड़ा गई थी। आम जन में भ्रम की स्‍थिति थी। अव्‍यवस्‍थाओं का वातावरण कायम हो रहा था। मगर 2014 के बाद देश के लोगों में विश्‍वास जगा है। ऐसा सिर्फ सशक्‍त और ईमानदार नेतृत्‍व ने कर दिखाया है।
उत्‍तर प्रदेश सरकार सकारात्‍मक ऊर्जा के मंत्र साथ काम कर रही है। यह मंत्री प्रधानमंत्री ने दिया है।यूपी से नकारात्‍मक सोच को खत्‍म करना है। यूपी के हित के लिए अगर कड़े फैसले लेने होंगे तो लूंगा। मैंने जमीन पर संघर्ष किया है, मुझे यूपी की वास्‍तविक बीमारी का पता है और उनका वास्‍तविक उपचार कैसे होगा मुझे इसका अंदाज है। योगी ने रामायण का उल्‍लेख करते हुए कहा कि जननी और जन्‍मभूमि को स्‍वर्ग से भी बढ़कर मानने की प्रवृत्‍ति होनी चाहिए। ऐसा होगा तो कोई ताकत भारत को विश्‍वगुरु बनने से नहीं रोक सकता। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग योग में नहीं भोग में विश्‍वास करते हैं। उन्‍होंने कहा, ”2014 से पहले अगर प्रधानमंत्री के पास कोई योग दिवस मनाने के लिए प्रस्‍ताव लेकर जाता तो उसे साम्‍प्रदायिक बताकर भगा दिया जाता।” योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, ”सूर्य नमस्‍कार को कोई मुस्‍लिम भाई देखे तो समझ जाएगा कि ये पूरी क्रिया नमाज की क्रिया से कितनी मिलती-जुलती है लेकिन कुछ लोगों ने इस समानता को नहीं देखा क्‍योंकि उनकी दुकान अलगाव पैदा करने से ही चलती है।” योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि योग करने वाला बुढ़ापे में भी शारीरिक, मानसिक रूप से मजबूत रहता है। उसे भूलने की बीमारी नहीं होगी। व्‍यायाम और योग में फर्क यह है कि व्‍यायाम आपको तात्‍कालिक रूप से फायदा पहुंचाता है, लंबे समय के लिए योग आवश्‍यक है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि योग किसी जाति, लिंग, उम्र, धर्म का मोहताज नहीं है। इसे कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है। इस मौके पर राज्यपाल ने डॉ सरले द्वारा योग पर लिखित एक पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में वैदिक गुरूकुलम् के छात्रों ने योग प्रस्तुति भी दी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया जो भारत के लिये बड़ी उपलिब्ध का परिचायक है। विदेशों में हमारे योग गुरूओं ने योग के प्रति जिज्ञासा जगाई है। हजारों साल पहले ऋषि-मुनियों ने योग का ज्ञान दिया था। चिकित्सा विज्ञान तब आज जैसा विकसित नहीं था लेकिन तब लोग शतायु होते थे। योग मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है। नियमित योग अभ्यास बीमारियों से दूर रखता है तथा इच्छा शक्ति को प्रबल बनाता है। उन्होंने कहा कि योग को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए।