E9 News देहरादून: भ्रष्टाचार समाप्त करने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार को नियंत्रित कर लिया जाए तो राज्य अपने आप प्रगति करने लगेगा। यहां पूर्व सैनिकों के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने में अपना पराया नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त का गठन करने के लिए सरकार संकल्पबद्घ है और मुख्यमंत्री का पद भी लोकायुक्त के दायरे में आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए कुछ करने की भावना, उत्तराखंडवासियों के रक्त में है और यहां राष्ट्रविरोधियों को कभी संरक्षण नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘देश है तो हम हैं, देश नहीं तो हम कुछ भी नहीं, इस भावना को सदैव बनाए रखना है।’’ रावत ने पलायन को सामरिक दृष्टि से चिंताजनक बताते हुए कहा कि पलायन मजबूरी में नहीं होना चाहिए और इसे रोकने के लिए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक समिति बना दी गई है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के साथ ही सामाजिक सुरक्षा भी उपलब्ध करानी है। सरकार ने रोजगार सृजन तथा कौशल विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने व कार्यप्रणाली के साथ ही प्रशासनिक सुधार पर भी काम आरंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी फाईलों को सात स्तरों से गुजरना होता है। हमारी कोशिश है कि फाईलें तीन स्तरों से अधिक न जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीति शराब को हतोत्साहित करने की है। उन्होंने कहा, ‘‘हम राजस्व के लिए शराब नहीं बेचना चाहते। हम अपने आय के संसाधन विकसित करेंगे और धीरे-धीरे शराब से प्राप्त राजस्व पर निर्भरता कम करेंगे।’’
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