E9 News नई दिल्ली: इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले में अभियुक्त आईपीएस अफसर पीपी पांडेय को डीजीपी के तौर पर सेवा विस्तार देने के खिलाफ पूर्व सुपरकाप जेएफ रिबेरो की याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा कि पीपी पांडेय ने इस्तीफा दे दिया है और राज्य सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा था कि पीपी पांडे को 30 अप्रैल तक पद पर बने रहने दिया जाए क्योंकि इससे ये संदेश जाएगा कि एक अभियुक्त को राज्य ने पुलिस प्रमुख बनाया था जिससे राज्य की छवि धूमिल होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे तो पहले ही रिटायर हो चुके थे, उन्हें तो आपने सेवा विस्तार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार और पीपी पांडेय को नोटिस जारी किया था। रिबेरो के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इशरत जहां एनकाउंटर मामले में अभियुक्त को सेवा विस्तार दिया गया है। उन्होंने सेवा विस्तार के सरकार के फैसले पर स्टे देने की मांग की थी लेकिन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा था कि जब तक ये मामला अगली सुनवाई के लिए आएगा तब तक उनका सेवा विस्तार खत्म हो चुका रहेगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार की मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने पीपी पांडे को तीन माह का सेवा विस्तार दिया था। गुजरात हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने इशरत जहांमुठभेड़ को फर्जी करार दिया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया था। इस मामले में पीपी पांडेय भी अभियुक्त हैं। जमानत पर छूटने के बाद पांडे को फरवरी 2015 में सेवा पर वापस ले लिया गया और उन्हें राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का निदेशक बना दिया गया। बाद में पांडे को गुजरात का प्रभारी डीजीपी बना दिया गया।
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