November 15, 2024

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यू पी बूचड़खाने बंद होने से जालन्धर के चमड़ा और खेल उद्योग पर असर

E9 News लखनऊ: यू पी में बूचड़खाने खाने बंद होने से जहां यू पी में चमड़ा व्यापार और अन्य व्यापारों पर इसका असर पड़ रहा है वहीँ पंजाब में भी अब इसका असर दिखना शुरू हो गया है। पंजाब के जालंधर में दुनिया भर में मशहूर चमड़ा और खेल उद्योग इसका शिकार हुआ है। जालंधर के चमड़ा व्यापारियों के अनुसार यू पी में बूचड़खाने बाद होने के कारण पंजाब में चमड़ा उद्योग ख़तम हो जाएगा। पंजाब के जालंधर यह इलाका पूरी दुनिया में खेल और चमड़े के उद्योग की पहचान रखता है। पिछले कुछ समय से मंदी की मार झेल रहे इस उद्योग को अब एक और मार पड़ी है। उद्योग को यह झटका पंजाब से नहीं बल्कि यू पी से लगा है। दरअसल यह उद्योग अपने कच्चे माल ( चमड़े ) के लिए पचास प्रतिशत उत्तर प्रदेश पर निर्भर करता है। चमड़े से जूते ,खेल और अन्य किस्म का सामान बनाने वाले इन उद्योगपतियों को इस बात की चिंता है की यू पी में बूचड़खाने बंद होने के बाद अब उन्हें चमड़े की सप्लाई कहाँ से मिलेगी। गौरतलब है की जालंधर में इस उद्योग के चलते हजारों परिवार अपनी रोजी रोटी यहीं से चलाते हैं। चमड़ा व्यापारियों का कहना है की उन्हें उनके उत्पादन के लिए पचास प्रतिशत कच्चे माल ( चमड़े ) के लिए यू पी पर निर्भर रहना पड़ता है। इसी के भरोसे वह बड़े बड़े एक्सपोर्ट के आर्डर साड़ी दुनिया के व्यापारियों से लेते हैं। पर अब जब यहां चमड़े की सप्लाई ही बंद हो जाएगी तो उनके लिए यह आर्डर पूरे करने मुश्किल हो जाएंगे। चमड़ा व्यापारी अमनदीप सिंह संधू के अनुसार अभी तो उनके पास थोड़ा बहुत चमड़े का स्टॉक है। पर जब यह स्टॉक ख़तम हो जाएगा तो मुश्किलें बड़ जाएंगी। उनके अनुसार उन्हें सबसे ज्यादा चमड़े की सप्लाई यू पी से आती है। अब अगर इसकी सप्लाई बंद होने के कारण यूनिट बंद होती हैं तो यहां काम करने वाले लोगों के लिए खासी मुश्किल हो जाएगी। चमड़ा व्यापारी प्रदीप बैनर्जी का भी यही कहना है की अगर इस बात का कोई हल नहीं निकलता है तो चमड़ा उद्योग की मुश्लिलें और बाद जाएंगी क्योंकि अगर उद्योग को चलाने के लिए कच्छ माल ही नहीं मिलेगा तो यह उद्योग कैसे चलेगा। वहीँ एक तरफ जहां जहां चमड़ा उद्योग इस बात से परेशान है वहीँ दुनिया भर में मशहूर जालंधर का खेल उद्योग भी इस चीज से प्रभावित हो रहा है। जालंधर में खेल के सामानों में चमड़े से बनने वाले कीपिंग ग्लव्स ,बैटिंग ग्लव्स , क्रिकेट की बोल और बहुत सा सामान यहां से बनकर पूरी दुनिया में निर्यात होता है। इस उद्योग के व्यापारी देव राज का कहना है की वह क्रिकेट का सामान बनाते हैं जिनमे से क्रिकेट की बोल शामिल हैं। उनके अनुसार इस सामान के लिए वह चमड़ा मेरठ से मंगवाते हैं। पर अब वहाँ बूचड़खाने बंद होने के कारण उन्हें चिंता सताने लगी है। उनके अनुसार अभी तो उनके पास थोड़ा कच्चा माल है पर जब यह ख़तम हो जाएगा तो मुश्किलें बड़ जाएंगी।