November 15, 2024

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बाबरी केस में आडवाणी समेत 12 लोग थे साजिश का हिस्सा : CBI

E9 News नई दिल्ली: बाबरी विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि रायबरेली वाला केस भी लखनऊ में साथ-साथ चले और रोज सुनवाई हो​ और केस 2 साल के भीतर निपटाया जाए। दोनों मामले साथ चलने से आडवाणी समेत कई नेताओं के खिलाफ साज़िश की धारा बहाल हो जाएगी। सीबीआई ने तकनीकी आधार पर नेताओं के बचने का विरोध किया था। अयोध्या में बहुचर्चित बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि सभी चौदह आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने की धाराएं हटा दी गई​ हैं। हम चाहते हैं कि उन धाराओं को फिर से लगाया जाए। सीबीआई ने कहा कि उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है। सीबीआई और सीआईडी ने अलग-अलग जांच की लेकिन किसी में आपराधिक साजिश रचने की धाराएं नहीं लगाई गई। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दो सप्ताह लिखित बहस पेश करने का निर्देश दिया था। दरअसल बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के वकील केके वेणुगोपाल ने कहा था कि वे दूसरे केस में व्यस्त हैं। आपको बता दें कि जस्टिस​ नरीमन ने छह मार्च को संकेत दिया था कि बीजेपी और 13 हिंदू नेताओं के खिलाफ दोबारा सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ ट्रायल में हो रही देरी पर चिंता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ये सुझाव दिया कि वे रायबरेली और लखनऊ में चल रहे मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए लगाएं और सुनवाई लखनऊ में हो। लखनऊ वाले मामले में बीजेपी और संघ परिवार के बड़े नेताओं के ऊपर से साज़िश की धारा हटाई जा चुकी है। इसी को सीबीआई ने चुनौती दी है। लखनऊ का मामला ढांचा गिराए जाने से जुड़ा है। रायबरेली का मामला भीड़ को उकसाने का है।\इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपियों को आरोपमुक्त की दिया है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त किया था।