E9 News लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी सूबे के महकमों का हाल खराब देख सकते में हैं। उत्तर प्रदेश के कारागार निदेशालय के पास उत्तर प्रदेश के विभिन्न कारागारों में निरुद्ध महिला बंदियों से सम्बंधित कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं है। यह तथ्य आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा डीजी, कारागार से मांगी गयी सूचना से सामने आया। अब यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई है। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने डीजी, कारागार से प्रदेश के विभिन्न कारागारों में निरुद्ध महिला कैदियों की कुल संख्या मांगी जिनमें 90 दिन में आरोपपत्र नहीं जमा हुए। जमानत नहीं होने वाली, अपराध सिद्ध हो जाने पर मिलने वाली सजा के बराबर सजा पूर्व में ही काट लेने वाली तथा जुर्माने की धनराशि जमा नहीं करा पाने के कारण निरुद्ध महिला कैदियों की संख्या देने का अनुरोध किया था। इस पर डीआईजी कारागार आरपी सिंह ने 03 अप्रैल के पत्र द्वारा सूचना देने की जगह कहा कि ये सूचनाएं कारागारों से सम्बंधित हैं और वहीं से प्राप्त होंगी। नूतन के अनुसार यह स्थिति वास्तव में भयावह है। प्रदेश के डीजी कारागार कार्यालय में प्रदेश में निरुद्ध कुल महिला कैदियों की संख्या तक नहीं है। जिससे कारागार विभाग की महिला कैदियों के प्रति असंवेदनशीलता सामने आती है। अब जल्द ही मुख्यमंत्री इस लापरवाही का संज्ञान ले सकते हैं।
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