E9 News भोपाल: मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से जुड़े एक ऐसे मामले का कांग्रेस ने पर्दाफाश कर दिया है, जिससे भाजपा के बैकफुट पर जाने का संकट आ गया है। मानहानि के मामले में शिवराज सरकार ने दिल्ली के एक वकील को प्रति पेशी 11 लाख रुपये का भुगतान राज्य सरकार के कोष से करने की अनुमति दी है। इससे संबंधित पत्र की कॉपी को जारी किया गया है। सरकार द्वारा वर्ष 2011 में जारी आदेश गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है। वर्ष 2007 में कथित तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के नाम पर चार डंपर खरीदने का मामला सामने आया था। रमेश साहू ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की थी, जिसे स्वीकार नहीं किया गया, तो उसने भोपाल की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में याचिका दायर की। इस याचिका पर अदालत ने लोकायुक्त को प्रकरण दर्ज को करने कहा। साहू ने बताया कि लोकायुक्त ने इस मामले की जांच कर क्लोजर रिपोर्ट लगाकर न्यायालय में पेश किया। इसके बाद वह सेशन कोर्ट गए, जहां से भी मामला खारिज हुआ। उसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इस मामले में मुख्यमंत्री चौहान व उनकी पत्नी साधना सिंह व अन्य को आरोपी बनाया गया है। साहू के मुताबिक, सरकार ने इस मामले की सुनवाई के लिए उदय ललित को 11 लाख रुपये प्रति पेशी के लिए मानदेय तय किया। यह सरकारी धन का दुरुपयोग था जबकि ललित सिर्फ एक पेशी में ही अदालत में आए थे।
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