E9 News चंडीगढ़: अशोक खेमका हमेशा ही कुछ ना कुछ अलग करने की वजह से चर्चा में रहते हैं, फिर चाहे वो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना ही क्यों ना हो। इस बार भी उन्होंने कुछ अलग करके सुर्खियां बटोरी है। जी हां, खेमका अब देश में पहली बार वॉट्सऐप से कोर्ट-कचहरी का काम कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, फाइनैंशल कमिश्नर की अदालत में तीन भाईयों के बीच संपत्ति विवाद का मामला चल रहा है। वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका के नेतृत्व वाली अदालत इस मामले में वॉट्सऐप के जरिए इन भाईयों को समन भेजेगी। सोशल मीडिया (वॉट्सऐप) के जरिए समन भेजे का जाने का यह देश का पहला मामला होगा। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक तौर पर समन ई-मेल या फैक्स से भेजे जाते रहे हैं लेकिन वॉट्सऐप से समन भेजे जाने से मामले की सुनवाई में होने वाली देरी को रोका जा सकता है। सतबीर सिंह का अपने भाई रामदयाल और कृष्ण कुमार के साथ गांव में पारिवारिक संपत्ति में बंटवारे को लेकर विवाद चल है। इस विवादस्पत मामले की सुनवाई के दौरान खेमका ने यह आदेश जारी किया। फाइनैंशल कमिश्नर की अदालत ने जब इस मामले में दोनों भाई से समन जारी कर जवाब मांगा, तो रामदयाल ने तो समन मिलने की बात कही लेकिन कृष्ण ने काठमांडू में शिफ्ट होने का हवाला देते हुए समन न मिलने की बात कही। जब फोन पर स्थायीय रेवेन्यू अधिकारी ने उससे काठमांडू का पता देने की बात की तो उस ने पता देने से इंकार कर दिया जिसका जिक्र अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में लिखकर खेमका के सामने पेश किया। खेमका ने इसका तोड़ निकलते हुए अपने आदेश में कहा कि मौजूदा समय में किसी व्यक्ति का ई-मेल एड्रेस या मोबाइल नंबर भी पता ही है। कोर्ट ने आदेश दिया कि कोर्ट की सील के साथ समन की तस्वीर कृष्ण को उसके नंबर पर भेजा जाए और वॉट्सऐप पर की डिलिवरी रिपोर्ट के प्रिंटआउट को डिलिवरी प्रूफ के तौर पर माना जाएगा
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