E9 News दिल्ली: नेपाल सीमा और उससे सटे भारतीय शहरों में मानव तस्करी के मामले बढ़ गए हैं। इन घटनाओं पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को नए कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। एसएसबी की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकडे बताते हैं कि ऐसे मामलों की संख्या काफी ‘‘भयावह’’ है। तस्करों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 में मानव तस्करी का शिकार बने भारत और नेपाल के कुल 33 लोगों को एसएसबी ने पकडा था। 2015 में यह आंकडा 336 पर पहुंच गया, 2016 में 501 और इस वर्ष मार्च तक एसएसबी ने 180 लड़के और लड़कियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। तस्करी की घटनाओं के साथ ही तस्करों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। एक हजार 751 किलोमीटर लंबी औेर खुली सीमा से 2014 में आठ तस्कर पकड़े गए थे, 2015 में 102, 2016 में 148 तस्कर और इस वर्ष मार्च तक 51 तस्कर पकड़े जा चुके हैं। तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एसएसबी उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों की पुलिस, रेलवे पुलिस, एनजीओ के साथ ही मुंबई, बेंगलूरू और पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिल कर एक दिन की कार्यशाला आयोजित कर रहा है। एसएसबी की महानिदेशक अर्चना रामसुंदरम ने से कहा, ‘‘हम प्रत्येक पक्षकार को शामिल करना चाहते हैं जो मानव तस्करी को रोकने में सहायक हो सकते हैं। इस तरह की घटनाओं का पता लगा कर उसे जांच के लिए पुलिस के पास भेज देना भर पर्याप्त नहीं हैं। मानव तस्करी के ठिकाने कहां हैं और कहां उन्हें भेजा जाता है, यह पता लगा कर इस तरह के सभी अवैध कामों पर व्यापक तरीके से काबू पाना जरूरी है।’’
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