E9 News रांची: झारखंड में पीएलएफआई के उग्रवादी एक बार फिर से आक्रामक हो गए हैं। सिमडेगा में बानो थाना प्रभारी सहित दो की हत्या कर माओवादियों से ज्यादा खतरनाक पीएलएफआई नजर आने लगा है। झारखण्ड पुलिस लाख दावे करे कि पीएलएफआई कमजोर पड़ गया है लेकिन हकीकत इससे परे है। भाकपा माओवादियों से अलग होकर बना पीएलएफआई संगठन लगतार अपने संगठन का विस्तार कर रहा है, पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप अब तक पुलिस की पहुंच से कोसो दूर है। पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप पर 25 लाख का इनाम भी घोषित है, लेकिन उसके संबंघ में कोई खास जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी है और लगातार ये उग्रवादी संगठन बड़ी वारदातों को अंजाम देता जा रहा है। सिमडेगा में बानो थाना प्रभारी और सिपाही की पीएलएफआई उग्रवदियों द्वारा हत्या किये जाने से एक बार फिर साबित हो गया है कि पीएलएफआई पहले से ज्यादा आक्रामक हो गया है। वर्ष 2016 -17 में इस संगठन ने 89 घटनाओं को अंजाम दिया है, जिसमे 41 लोगों को मौत के घाट उतारा गया है। वहीं, एडीजी सह वरीय पुलिस प्रवक्ता आर के मल्लिक की माने तो आंकड़े गलत हैं, लेकिन पुलिस ये जरूर मानती है कि इस संगठन ने हत्याओं को अंजाम दिया है। जिसको लेकर पीएलएफआई के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
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