E9 News लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 5.85 लाख बेसिक शिक्षकों के लिए योगी सारकार ने खुश होने का मौका दे दिया है। सरकार ने इन शिक्षकों को अगले महीने से सातवें वेतनमान के अनुसार सैलरी देने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से जिला वित्त एवं लेखाधिकारियों को स्पष्ट रूप से कह दिया गया है कि अगर कहीं भी नए वेतनमान के आधार पर शिक्षकों का भुगतान नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने जनवरी से सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने का आदेश दिया था। पर बेसिक शिक्षा परिषद् नए वेतनमान के अनुसार भुगतान की गणना के लिए सॉफ्टवेयर समय से तैयार नहीं करवा पाया। इस पर शिक्षक संगठनो ने गहरी नाराज़गी जताई थी। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को सॉफ्टवेयर तैयार करने की जिम्मेदारी दी। बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक मणिशंकर पांडेय ने सभी वित्त एवं लेखाधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा है कि वे अपने जिले के डीआईओ की मदद से इस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर लें। उसके बाद सातवें वेतन पैकेज के आधार पर वेतन बिल तैयार करें। अगर वेतन पैकेज के सॉफ्टवेयर में किसी तरह की दिक्कत आती है तो एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक आरएच खान से संपर्क करें। पांडेय ने अपने पत्र में कहा है कि मई से सातवां वेतन पैकेज नहीं मिलने पर संबंधित वित्त एवं लेखाधिकारी ही जिम्मेदार होंगे। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री हरीश बाबू शर्मा और दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव ने इस फैसले का स्वागत किया है।
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