E9 News पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने समय पर हो परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन हो इसके लिए कमर कस ली है। इस मामले में जिला पदाधिकारी सख्त निर्देश दिया गया है कि हर हाल में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 30 अप्रैल तक सुनिश्चित किया जाये। वहीं, कई जिलों में मूल्यांकन कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में शिक्षकों पर प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है, जिसमें गोपालगंज में सात, जमुई में 712, जहानाबाद में दो, किशनगंज में 10, नालंदा में पांच और पटना में 40 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं, गोपालगंज जिले में अव्यवस्था फैलाने के आरोप में दो शिक्षकों को जेल भी भेज दिया गया है। वही, मूल्यांकन कार्य में सहयोग नहीं करने पर अभी तक 7,625 शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया गया है। इधर, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अध्यक्ष आनंद किशोर मूल्यांकन को लेकर काफी गंभीर हैं। आनंद किशोर ने साफ कह दिया है कि जो भी शिक्षक मूल्यांकन काम में बाधा डालता है उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए। सूबे के नियोजित शिक्षकों की मांग है कि ‘समान काम के बदले समान वेतन’ दिया जाये। इसके साथ ही सेवा नियमित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर है और मूल्यांकन काम का बहिष्कार कर रहे हैं।
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